राजस्थान के कोटा में पिछले 19 सालों से रह रहे आठ पाकिस्तानी शरणार्थियों को जिला प्रशासन ने नागरिता दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक साल 2000 में ये लोग पाकिस्तान के सिंध से कोटा पहुंचे थे, जिन्हें सोमवार को भारतीय नागरिकता दी गई। कोटा के कलेक्टर ओम प्रकाश कसेरा ने कहा, ‘राज्य गृह विभाग ने 8 पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरकिता देने के निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद सभी लोगों को नागरिकता दे दी गई।’
भारतीय नागरिकता मिलने के बाद पाकिस्तान छोड़कर आए गुरुदास ने कहा, ‘पिछले 19 सालों से हम भारत में रह रहे हैं और यहां हमें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। भारतीय नागरिकता मिलने के बाद हम बहुत खुश हैं। हमें हमेशा यहां के लोगों का समर्थन मिलता रहा है।’
इसी तरह भाजपा के नेतृत्व वाले उत्तरी दिल्ली नगर निगम(एनडीएमसी) ने सोमवार को राजधानी के पुनर्वास कालोनी में रहने वाले एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी की बेटी ‘नागरिकता’ को उसका जन्म प्रमाण पत्र सौंपा। बच्ची की दादी मीरा दास (40) ने पहले कहा था कि बच्ची का जन्म नौ दिसंबर को हुआ था और राज्यसभा में संशोधित नागरिकता विधेयक के पारित होने के बाद हमने इसका नाम ‘नागरिकता’ रखने का फैसला किया।
उल्लेखनीय है कि देशभर में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध जारी है। कई गैर भाजपा शासित राज्यों ने केंद्र सरकार को आंखें दिखाते हुए कहा है कि वो अपने राज्यों में इस कानून को लागू नहीं करेंगे। इसमें केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता कानून के समर्थन में एक कानून की शुरुआत की है। जिसके पक्ष में व्यापक समर्थन जुटाने के मकसद से भाजपा नेताओं ने सोमवार को सोशल मीडिया पर इस कानून के समर्थन में अभियान चलाया।
#Breaking | 8 Pakistani refugees who’ve been living in Kota, Rajasthan since 2000 have been given Indian citizenship.
TIMES NOW’s Arvind with details. pic.twitter.com/drzPZQ3J2S
— TIMES NOW (@TimesNow) December 31, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कानून के समर्थन में अभियान का प्रसार करने के लिए सोमवार को आध्यात्मिक गुरु सदगुरु जग्गी वासुदेव का एक वीडियो पोस्ट किया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘सीएए से जुड़े पहलुओं की स्पष्ट व्याख्या तथा और भी चीजें सदगुरु से सुनिए। उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भ का हवाला दिया है और हमारी भाईचारे की संस्कृति का बेहतरीन तथा शानदार तरीके से उल्लेख किया है। इसके साथ ही उन्होंने निहित स्वार्थ वाले कुछ समूहों की गलत सूचनाओं को बेनकाब किया है।’’
प्रधानमंत्री की निजी वेबसाइट के ट्विटर हैंडल पर भी एक संदेश पोस्ट किया गया है जिसमें कहा गया है कि सीएए उत्पीड़न का शिकार हुए शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए है और इसमें किसी की नागरिकता लेने की बात नहीं की गई है। यह संदेश ‘इंडिया सपोर्ट्स सीएए’ नामक हैशटैग से पोस्ट किया गया है।
जग्गी वासुदेव का वीडियो शेयर करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ‘‘सीएए पर फैलाए जा रहे झूठ, अफवाहों और आधे सच को न मानें। मैं सभी से, विशेषकर युवाओं से अपील करता हूं कि सीएए पर सदगुरू जी का यह तर्कपूर्ण और उसके ऐतिहासिक संदर्भ को बताता वीडियो जरूर देखें और जानें कि हमें सीएए की आवश्यकता क्यों है।’’ (भाषा इनपुट)