प्रवर्तन निदेशालय (ED) शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ नई चार्जशीट दायर करेगा। ये एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट होगी। ED इसे 15 मई से पहले दायर कर सकती है। तेलंगाना एमएलसी के कविता की गिरफ्तारी को 60 दिन पूरे होने वाले हैं और इसी कारण ये दायर की जाएगी।

4-5 लोगों को बनाया जा सकता है आरोपी

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार चार्जशीट अंतिम चरण में है और मामले में चार या पांच अन्य आरोपियों के नाम भी शामिल हो सकते हैं। अरविंद केजरीवाल और कविता के अलावा नए चार्जशीट में गोवा के पार्टी कार्यकर्ता चनप्रीत सिंह का नाम भी शामिल होने की संभावना है। 15 अप्रैल को उन्हें गिरफ्तार किया गया था और उन पर गोवा विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के फंड मैनेजमेंट का आरोप लगाया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि हवाला लेनदेन में कथित तौर पर शामिल एक या दो और लोगों का नाम भी चार्जशीट में शामिल किए जाने की संभावना है। ईडी अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि AAP को आरोपी पार्टी के रूप में नामित करना एक महत्वपूर्ण कदम है और उनके पास इसका समर्थन करने के लिए ठोस सबूत है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने किया था AAP को आरोपी बनाने का जिक्र

16 अक्टूबर 2023 को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जस्टिस संजीव खन्ना और एसवी भट्टी की पीठ के सामने कहा था, “हम (ईडी) धारा 70 (धन शोधन निवारण अधिनियम की) का इस्तेमाल करते हुए आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं।”

वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी (जो केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए) ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “AAP (एक राजनीतिक पार्टी) को PMLA की धारा 70 के प्रावधानों के तहत एक ‘कंपनी’ के रूप में नहीं माना जा सकता है। कानून के अस्तित्व के 20 वर्षों में कभी भी किसी राजनीतिक दल के खिलाफ इसका इस्तेमाल नहीं किया गया। यदि ईडी ऐसा करता है, तो पूरा मकसद संपत्ति जब्त करना, बैंक खाते फ्रीज करना, एक राजनीतिक दल को नष्ट करना है। यह दिखाएगा कि राजनीतिक गतिविधियों को कथित वित्तीय उल्लंघनों के आधार पर कमजोर किया जा सकता है और चुनावों के दौरान रणनीतिक रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।”

वहीं पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, “एक राजनीतिक दल एक वैधानिक निकाय और लोगों की एक संरचना है। यह अनुचित कदम होगा और इससे कुछ हासिल नहीं होगा। इस तरह के कदम से साजिश की बू आती है और यह हताशा भरा कदम होगा। यह और कुछ नहीं बल्कि बदनाम करने का प्रयास है और पीएमएलए की धारा 70 के प्रावधानों का पूर्ण रूप से दुरुपयोग है।”