दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के निर्धारण और कार्यान्वयन में घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार (14 अक्टूबर) को एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली आबकारी नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 25 स्थानों पर छापेमारी की। इस मामले में फिलहाल अधिक जानकारी की प्रतिक्षा है।
ED ने दिल्ली में 25 से ज्यादा लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान शहर के कई बड़े शराब कारोबारियों के आवास सहित अन्य ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की। इसके अलावा पटना के शिवपुरी और पटेल नगर इलाके में बिल्डर गब्बू सिंह के परिसरों पर भी केंद्रीय एजेंसी द्वारा छापेमारी की जा रही है। गब्बू सिंह जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह के करीबी सहयोगी हैं।
पहले भी ईडी ने की थी रेड: इससे पहले 7 अक्टूबर 2022 को भी दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में 35 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा था। वहीं, 16 सितंबर को ईडी ने दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, हैदराबाद, नेल्लोर और चेन्नई समेत देशभर में 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान अकेले हैदराबाद में ही 25 ठिकानों पर सेंट्रेल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की रेड पड़ी थी। दिल्ली के उप-राज्यपालय वी के सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में अनियमितताओं को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था।
वहीं, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले के आरोपी विजय नायर को 20 अक्टूबर 2022 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। नायर आम आदमी पार्टी (AAP) के संचार प्रभारी हैं। उन्हें दिल्ली सरकार की आबकारी नीति से संबंधित अनियमितताओं में उनकी भूमिका के लिए गिरफ़्तार किया गया था।
सीबीआई की FIR पर आधारित है केस: ईडी का आबकारी नीति से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामला सीबीआई की एक एफ़आईआर पर आधारित है, जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ अफसरों को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है। सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण के दिल्ली स्थित आवास पर रेड की थी। इसके अलावा सात राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापे मारे गए थे।