पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर हमला हुआ है। ईडी की टीम शुक्रवार को छापेमारी के लिए उत्तर 24 परगना पहुंची थी, लेकिन यहां पर ग्रामीणों ने टीम को घेर लिया और उनपर हमला कर दिया। करीब 200 लोगों की भीड़ ने अचानक टीम पर हमला किया था। इसके बाद भाजपा ने बंगाल की ममता सरकार पर निशाना साधा है।
ईडी टीम पर हुए हमले पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, ”सभी गुंडे जानते हैं कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। उन्हें सीएम ममता बनर्जी का संरक्षण प्राप्त है। ममता बनर्जी को अपनी सीट बरकरार रखने का एक दिन के लिए भी कोई अधिकार नहीं है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। जब ईडी अधिकारियों पर हमला हुआ, तो उन्होंने मदद के लिए पुलिस को बुलाया लेकिन पुलिस ने ईडी अधिकारियों से बात करने से भी इनकार कर दिया। इसके पीछे किसका प्रोत्साहन था?”
ईडी की टीम पर हुए हमले को लेकर कांग्रेस ने भी ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “आज हमला हुआ है, कल हत्या भी हो सकती है। प्रदेश सरकार द्वारा संरक्षण प्राप्त गुंडो की यह करतूत है। अधिकारियों पर हुए हमले से एक बात साफ हो गई कि राज्य में कोई कानून व्यवस्था नहीं है। आज हमला हुआ है, कल हत्या भी हो जाए तो यह आश्चर्यजनक बात नहीं होगी।”
बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ईडी अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने एनआईए जांच की भी मांग की है। साथ ही उन्होंने कुछ नाम बताएं हैं जो कथित तौर पर हमले में शामिल थे।
सुवेंदु ने ट्वीट कर लिखा, “जिन चरमपंथियों ने आज संदेशखाली में ईडी अधिकारियों, सीआरपीएफ जवानों और पत्रकारों पर कायरतापूर्ण हमला किया और अंजाम दिया उनमें शेख आलमगीर (शेख शाहजहाँ का सबसे छोटा भाई), जियाउद्दीन (प्रसिद्ध हथियार तस्कर, हत्यारा और वर्तमान में सरबेरिया-अगरहाटी ग्राम पंचायत का प्रधान), शेख सिराजुद्दीन (शेख शाहजहाँ का भाई)। ममता बनर्जी के आश्वासन और प्रोत्साहन के कारण शेख शाहजहाँ जैसे अपराधियों ने रोहिंग्याओं को अपने गुर्गे के रूप में काम करने और आतंक का शासन स्थापित करने के लिए इकट्ठा किया है। एनआईए को इन सभी राष्ट्रविरोधी ताकतों से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाना चाहिए।”