Ed Action Against Mukhtar Ansari Raids In Delhi Lucknow Ghazipur News In Hindi: यूपी के बाहुबली नेता कहे जाने वाले मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बसपा सांसद आफजाल अंसारी और उनके छोटे भाई मुख्तार अंसारी पर के ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। छापेमारी में मुख्तार अंसारी के गाजीपुर स्थित पैतृक आवास के साथ 11 ठिकानों और उनके 3 करीबियों के आवास पर हो रही है।

सुबह लखनऊ से गाजीपुर पहुंची प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सीआरपीएफ के जवानों के साथ चार ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। इसमें मुख्तार अंसारी का मुहम्मदाबाद स्थित पैतृक आवास भी शामिल है। ईडी की टीम ने पुलिस फोर्स के साथ सभी ठिकानों को घेर लिया है। बता दें कि ईडी ने टाउन हॉल में खान बस सर्विस के मालिक के आवास पर छापेमारी की है। इसके अलावा सोना व्यवसायी विक्रम अग्रहरि और प्रोपर्टी डीलर गणेश दत्त मिश्रा के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई है।

बता दें कि गणेश दत्त मिश्रा, विक्रम अग्रहरि और मुस्ताक खान मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाते हैं। खबर यह भी है कि जिस वक्त ईडी ने छापेमारी शुरू की उस दौरान गाजीपुर के सांसद और मुख्तार अंसारी के बड़े भाई आफजाल अंसारी अपने आवास पर ही थे। इस दौरान मुख्तार अंसारी के भतीजे और मुहम्मदाबाद के वर्तमान विधायक सुहेब अंसारी भी अपने आवास पर मौजूद हैं।

छापेमारी के दौरान सीआरपीएफ के जवान न तो किसी को घर से बाहर जाने दे रहे हैं और न ही किसी अंदर आने की अनुमति है। गौरतलब है कि यह छापेमारी अप्रैल 2021 में मुख्तार अंसारी के ऊपर दर्ज मनी लांड्रिंग के एक मामले को लेकर हुई है। इस केस के सिलसिले में ईडी अपने प्रयागराज के दफ्तर में आफजाल अंसारी और अंसारी परिवार के बाकी सदस्यों से कई घंटों की पूछताछ पहले ही कर चुकी है।

मुख्तार अंसारी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें:

योगी सरकार में माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शत्रु संपत्ति के मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होनी है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को अंसारी पर हुई सुनवाई के दौरान आरोप तय कर दिए। मामला हजरतगंज के डालीबाग का है। जहां शत्रु संपत्ति के मामले में मुख्तार और उसके बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के खिलाफ लेखपाल ने केस दर्ज कराया था।