Election Commission of India (ECI) Jammu and Kashmir Election Results 2024: जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद एक दशक में पहली बार विधानसभा चुनाव तीन फेज में पूरे हुए। केंद्रशासित प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। अब सभी की नजरें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणामों पर टिकी हुई हैं। आइए अब जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आप ऑनलाइन कहां और कैसे देख सकते हैं।
Haryana, JK Chunav Results 2024 LIVE: Check Here
जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजे कहां पर देखें
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 8 अक्टूबर को सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी। लोग कई प्लेटफॉर्म के जरिये नतीजों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। इसमें जनसत्ता डॉट कॉम की वेबसाइट भी शामिल है। यहां पर आपको पल-पल की अपडेट्स देखने को मिलेगी। इतना ही नहीं हर एक सीट का सटीक विश्लेषण भी देखने को मिलेगा। इसके अलावा चुनावी नतीजों के लिए लोग चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर विधानसभा सीटों के नतीजे और रूझान देख सकते हैं। इसके साथ-साथ वोटर हेल्पलाइन ऐप भी आप परिणाम देख सकते हैं।
इन उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव राजनीतिक हस्तियों से भरा हुआ है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन कुपवाड़ा में दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में आरएस पुरा में रमन भल्ला, बांदीपोरा में उस्मान मजीद, गुरेज में नजीर अहमद खान और उरी में ताज मोहिउद्दीन जैसे पूर्व मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने कई हफ्तों तक बड़े पैमाने पर प्रचार किया।
2014 में क्या रहे चुनावी नतीजे
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार विधानसभा चुनाव साल 2014 में हुए थे। इन चुनावों में कोई भी बड़ी पार्टी बहुमत के आंकड़े को छू नहीं पाई थी। महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली पीडीपी को 28 सीटें मिलीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी 25 सीटों के साथ राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटें हैं।
न तो पीडीपी और न ही बीजेपी के पास में बहुमत था, इसलिए दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर लिया और सरकार 19 जून, 2018 तक चली। 19 जून, 2018 को राज्य की सरकार गिर गई। भारतीय जनता पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया। गठबंधन टूटने के बाद में जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल का शासन आ गया और इशके बाद में आर्टिकल 370 को हटा दिया गया। यह राज्य दो केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर व लद्दाख में बंट गया।