जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच कामकाजी रिश्ता बहुत जरूरी है। आजाद जयपुर में राजस्थान विधानसभा में ‘संसदीय प्रणाली और जन अपेक्षाएं’ विषय पर एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ व विपक्षी दल के बीच कामकाजी रिश्ता (वर्किंग रिलेशनशिप) जरूरी है। आपके (विपक्ष व सत्तापक्ष के) बीच इतनी आपसी समझ हो कि कोई अच्छा काम हो तो आपको समर्थन मिले।’’

गुलाम नबी आजाद ने सेमिनार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत से जुड़े किस्से साझा किए। गुलाम नबी आजाद ने ऐसा ही एक किस्सा सुनाते हुए कहा, ‘एक बार मैं पूर्व सीएम भैरोसिंह शेखावत के खिलाफ प्रचार करने उनके निर्वाचन क्षेत्र में जा रहा था। एयरपोर्ट पर ही शेखावत साहब मिल गए, उन्होंने मुझसे कहा कि उनका एक कार्यकर्ता निर्वाचन क्षेत्र में मिलेगा, वह आपके लिए गोश्त लेकर आएगा। तुम कश्मीरी हो, गोश्त खाने वाले हो। मैं शेखावत साहब के खिलाफ प्रचार करने आया था और उन्होंने मेरे लिए गोश्त ​भिजवाया। यह संबंधों की प्रगाढ़ता होती है।’

आजाद ने आगे कहा, ‘मैं भैरोसिंह शेखावत के चुनाव क्षेत्र में गया। सभा की और उनके राज के खिलाफ बोला, लेकिन राजनीति के कारण हमने कभी व्यक्तिगत संबंधों में कटुता नहीं आने दी। चुनाव में मैंने कभी विपक्ष के उम्मीदवार का नाम नहीं पूछा क्योंकि मुझे उसके खिलाफ नहीं बोलना था, मैं उसके खिलाफ क्यों बोलूं, हमें अपने कामों पर बोलना है।’

आजाद ने बिना किसी का जिक्र किए कहा, ‘‘लेकिन इतनी दूरियां अगर खीचेंगे तो अच्छे काम को भी कोई समर्थन नहीं मिलेगा। यह दोनों तरफ से हो सकता है। एक वर्किंग रिलेशन बनाने की बहुत ज्यादा जरूरत है।’’ इस सेमिनार का आयोजन राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा ने किया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने विधायकों से कहा कि वे अपने संस्थान की गरिम बनाए रखें, नियमों की जानकारी रखें और सीखते रहें और लोगों का विश्वास हासिल करें। पूर्व केंद्रीय मंत्री आजाद ने कहा, ‘‘अच्छे आदमी हर जगह हैं, हर पार्टी में हैं … देश में अच्छे आदमियों की कमी नहीं। उन अच्छे आदमियों की कद्र करनी चाहिए और उन जैसा बनने की कोशिश करनी चाहिए। अच्छे जनप्रतिनिधियों की कमी नहीं। उन जनप्रतिनिधियों जैसा बनने का प्रयास हमें करना होगा।’’ इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने आजाद का स्वागत किया।