हिंदू और मुसलमानों की आबादी को लेकर बहस अक्सर होती रहती है। देश में सांप्रदायिक सद्भाव कायम होने के लिए सभी मजहब के लोगों को साथ-साथ रहने का अधिकार दिया गया है। आए दिन इसको लेकर संविधान की बातें भी कही जाती हैं। इस बीच यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि कई शहरों और राज्यों में हिंदुओं की आबादी तेजी से घट रही है और मुसलमानों की आबादी में इजाफा हो रहा है। इसको लेकर टीवी चैनलों पर भी बहस हो रही है।
न्यूज-18 इंडिया में एंकर अमन चोपड़ा के साथ डिबेट में भाजपा के अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि “केंद्र में सरकार बनाने के लिए 30 फीसदी वोट की जरूरत होती है। और अगर आपने सरकार बना लिया तो संविधान बदलने में भी देर नहीं होती है। कभी पाकिस्तान और बांग्लादेश भी सेक्युलर देश थे। बाद में वहां संविधान बदल दिया गया। 1805 में अफगानिस्तान में प्रधानमंत्री पंडित नंदराम टिक्कू थे, जो कश्मीरी पंडित थे। 1860 में वहा शरिया लागू हो गया था।”
उन्होंने कहा कि “पिछले 75 सालों में राम जी, सीता जी, हनुमान जी, कृष्ण जी विष्णु जी, शंकर जी समेत बाकी हमारे देवी देवताओं का बहुत अपमान हुआ। किसी का गला नहीं काटा गया। और यहां पर स्टेटस लगाने पर आई सपोर्ट कहने पर गला काटा गया।” उनकी बात बीच में ही काटकर समाजवादी पार्टी के अनुराग भदौरिया ने कहा-“भाजपा वाले रम में राम बोलते हैं, व्हिस्की में विष्णु बोलते हैं। देवी देवताओं का अपमान भाजपा वाले करते हैं।”
भाजपा के अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि “भारत के नौ राज्यों में हिंदू पहले ही अल्पसंख्यक हो चुका है। आप डिस्ट्रिक्ट वाइज काउंट करिए तो दो सौ जिलों में पलायन हो रहा है। लद्दाख में हिंदू 1 परसेंट बचा हुआ है, लक्षद्वीप में हिंदू 2 फीसदी बचा हुआ है, कश्मीर में हिंदू 2 परसेंट बचा हुआ है। मिजोरम में हिंदू 2 परसेंट बचा हुआ है। बंगाल के 14 जिलों में हिंदू पलायन कर रहा है। असम के 9 जिलों से हिंदू पलायन कर रहा था, अभी वहां आबादी पचास फीसदी से नीचे आ गई। बिहार के छह जिलों में क्या स्थिति है, यूपी के 18 जिलों में हिंदू बिल्कुल कम हो चुका है।”
कहा कि “जहां-जहां हिंदू घटा है वहां अराजकता का माहौल है। जहां हिंदू कम होता है वहां इलेक्शन कमीशन उसको संवेदनशील क्षेत्र मानता है। जहां हिंदू घटा है वहां नियम कानून नहीं चलता है। वहां सर्वधर्म समभाव, वसुधैव कुटुंबकम, सबका साथ, सबका विकास और नारी दू नारायणी है नहीं चलता है।”