देश के कई राज्यों में टीके की कमी देखी जा रही है। उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग़ाज़ियाबाद में वैक्सीन की कमी के कारण महाअभियान की शुरुआत नहीं हुई। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 टीके की 73 लाख से अधिक खुराक अभी भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध है।

वैक्सीन की कमी बंगाल, दिल्ली, गुजरात, झारखंड और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में है। बताते चलें कि 21 जून से टीकाकरण के रफ्तार को तेज करने की कवायद शुरू की गयी थी। लेकिन राज्यों में टीके की कमी के कारण लोगों को कुछ जगहों पर वैक्सीन नहीं मिल रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर उनके राज्य को पर्याप्त संख्या में कोविड टीकों से वंचित रखने का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल को कोविड-19 रोधी टीकों की पर्याप्त खुराकें नहीं दी गई है जबकि छोटे राज्यों को भी काफी संख्या में टीकें उपलब्ध कराये गये है। इधर गुजरात के अहमदाबाद शहर में बुधवार को कोविड-19 टीकों की कमी के बीच बड़ी संख्या में लोग टीकाकरण केन्द्रों में उमड़ पड़े, जिसके चलते अफरातफरी मच गई। अधिकारियों ने कहा कि अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) टीकों की कमी के कारण प्रतिदिन एक लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य हासिल करने के लिये संघर्ष कर रहा है।

वहीं ओडिशा सरकार ने कोविशील्ड खुराकों की ”भारी किल्लत” के चलते बुधवार को 11 जिलों में कोविड-19 टीकाकरण अभियान को रोक दिया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि वैक्सीन की सप्लाई दिल्ली में लगभग खत्म है, गुरुवार के बाद अधिकतर सेंटर में वैक्सीन नहीं होगी। उम्मीद करते हैं कि तब तक जुलाई का कोटा आ जाए नहीं तो हमें वैक्सीनेशन रोकना पड़ेगा।

कई जगहों पर फर्जी टीकाकरण: वैक्सीन के कमी के बीच कई जगहों पर फर्जी टीकाकरण अभियान चलाए जाने के मामले भी सामने आ रहे हैं। मुंबई में एक हीरा कंपनी के 600 से अधिक कर्मियों के लिए फर्जी कोविड-19 शिविर लगाने के मामले में मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। वहीं बंगाल में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सरकार को फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने के मामले में आरोपी देबंजन देब के खिलाफ शुक्रवार तक एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।