पिनाक गाइडेड रॉकेट लॉन्चर सिस्टम एक नए और पहले से भी घातक रूप में दुश्मन के मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए तैयार है। पिनाक रॉकेट लांचर सिस्टम की क्षमता को बढ़ाते हुए डीआरडीओ ने शनिवार को इसके नए वर्जन पिनाक-ईआर का पोखरण रेंज में सफल परीक्षण किया।
इस परीक्षण के सफल होने के बाद यह स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर पहले से भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। डीआरडीओ ने इसे पुणे की आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान और हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटी के साथ मिलकर तैयार किया है। इस तकनीक को भारतीय उद्योग क्षेत्र को हस्तांतरित कर दिया गया है।
पिनाक- ईआर, सेना में सेवा दे रहे पिनाक का अपग्रेडेड वर्जन है। इस सिस्टम को नई टेक्नोलॉजी के साथ उभरती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक’ के नाम पर बना यह मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर पूरी तरह स्वदेशी है और दुश्मनों के हर मंसूबे को नाकाम करने में सक्षम है। बता दें कि करीब एक साल से सीमा पर चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच, पिनाक को एलएसी पर तैनात किया गया है।
पिनाक रॉकेटों के लिये स्वदेशी स्तर पर विकसित फ्यूजों का भी परीक्षण किया गया। पुणे स्थित एआरडीई ने पिनाक रॉकेट के लिये अलग-अलग फ्यूज विकसित किए हैं। पहले निर्माण करने के लिये इनका डिजाइन तैयार किया गया और उसके बाद फ्यूजों की कुशलता का मूल्यांकन किया गया।
डीआरडीओ ने पिछले तीन दिनों में फील्ड फायरिंग रेंज में इन रॉकेटों की मारक क्षमता का मूल्यांकन और परीक्षण किया। इन परीक्षणों में उन्नत मारक क्षमता वाले पिनाक रॉकेटों का परीक्षण विभिन्न विस्फोटक क्षमताओं के साथ अलग-अलग रेंज से किया गया। सारे परीक्षण लक्ष्यों की पूर्ति संतोषजनक रही।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक के साथ दागा गया और सभी ने सटीकता और स्थिरता के साथ टारगेट को भेद दिया। साथ ही पिनाक-ईआर की तकनीकी के शुरूआती चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसके बाद अब उद्योग साझीदार इस रॉकेट प्रणाली की पूरी सीरीज के उत्पादन के लिए तैयार है।