साल 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई कई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाए गए डॉ कफील खान को उत्तरप्रदेश सरकार ने बर्खास्त कर दिया। बर्खास्त किए जाने के बाद सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कफील खान ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की और कहा कि योगी सरकार पीड़ितों से माफ़ी मांगें।

सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डॉ कफील खान ने अपनी बर्खास्तगी को लेकर उत्तरप्रदेश की योगी सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए। कफील खान ने कहा कि गोरखपुर बीआरडी कॉलेज मामले में राज्य सरकार के अधिकारियों की किसी भी तरह की संलिप्तता की जांच करने के लिए इस मामले को सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि योगी सरकार को सार्वजनिक रूप से पीड़ितों से माफ़ी मांगना चाहिए।

इसके अलावा कफील खान ने यह भी कहा कि मुझे यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया गया है कि मैं 08 अगस्त 2016 तक प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहा था परन्तु उस दिन मरने वाले बच्चों को बचाने के मेरे प्रयास को देखते हुए मुझे मेडिकल नेगलिजेंस और भ्रष्टाचार के आरोप से मुक्त कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे 8 अगस्त 2016 को ही मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर के पद नियुक्त किया गया था और वहां मैं सबसे जूनियर डॉक्टर था। 

गौरतलब है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से करीब 60 बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चों की मौत के मामले में योगी सरकार चौतरफा घिर गई थी। इसके बाद 22 अगस्त को डॉ कफील खान को निलंबित कर दिया गया था। उनके खिलाफ जांच बिठाई गई थी। जिसमें उन्हें दोषी पाया गया और चार साल बाद निलंबित चल रहे डॉ। कफील खान को बर्खास्त कर दिया गया।

पिछले दिनों उत्तरप्रदेश के मेडिकल एजुकेशन विभाग के सचिव आलोक कुमार ने कफील खान के बर्खास्तगी की सूचना दी। आलोक कुमार ने कहा कि कफील खान का मामला कोर्ट में निलंबित होने के कारण बर्खास्त किए जाने की जानकारी कोर्ट में दी जाएगी। बता दें कि गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कफील खान के साथ ही और 8 और लोगों पर भी आरोप लगाया गया था।