कर्नाटक में चुनाव जीतने के बाद अब कांग्रेस आलाकमान के सामने सीएम चुनने पर मंथन कर रहा है। राज्य के सीएम सिद्धारमैया होंगे या डीके शिवकुमार इस पर सस्पेंस बरकरार है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों ही गुट की तरफ सीएम की कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इस वजह से अभी तक कांग्रेस आलाकमान सीएम फेस का ऐलान नहीं कर पाया है।

इस समय कर्नाटक कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही दिल्ली में हैं। दोनों में से किस नेता को कांग्रेस आलाकमान ताज पहनाकर बेंगलुरु रवाना करेगा, यह सभी जाननता चाहते हैं। आइए आपको बताते हैं इन दोनों नेताओं से जुड़ी ताकत, कमजोरियां, अवसर और खतरे (SWOT Analysis)

सिद्धारमैया का SWOT Analysis

STRENGTHS- ताकत

  1. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक में कांग्रेस के 135 नए विधायकों में से 90 ने पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों से सिद्धारमैया के लिए समर्थन जताया है।
  2. सिद्धारमैया के पास ज्यादा अनुभव है और उनका कद विशाल है।
  3. मुस्लिम और कुरुबा समुदाय से उन्हें समर्थन मिलता रहा है।

WEAKNESSES- कमजोरियां

  1. साल 2018 में कांग्रेस चुनाव हारी थी। उस समय सिद्धारमैया ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे।

Threat- जोखिम

  1. सिद्धारमैया को अस्वीकार करना एक जोखिम भरा निर्णय होगा – कुरुबा और मुस्लिम समुदाय पूरे कर्नाटक में फैले हुए हैं। पार्टी के कई विधायक अपनी सीटों को बचाने के लिए सिद्धारमैया की लोकप्रियता पर निर्भर हैं।

OPPORTUNITY- अवसर

  1. सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाकर न सिर्फ अपने स्वयं के विधायकों के बहुमत से बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों से भी कांग्रेस को अधिक समर्थन मिल सकता है। इसका फायदा लोकसभा 2024 में देखने को मिल सकता है।

डीके शिवकुमार- SWOT Analysis

STRENGTHS- ताकत

  1. चुनाव में प्रचंड जीत दिलाने का श्रेय जाता है। वह कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
  2. लिंगायत और वोकलिग्गा समुदाय के प्रभावशाली नेताओं ने समर्थन किया
  3. अपने अध्यक्ष काल में पार्टी को कठिन समय से निकालकर लाए।
  4. सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी का समर्थन मिल सकता है। वह सोनिया गांधी के राइट हैंड रहे अहमद पटेल के साथ काम कर चुके हैं।

WEAKNESSES- कमजोरी

  1. कम विधायक डीके शिवकुमार के साथ हैं।
  2. डीके शिवकुमार के खिलाफ करप्शन के कई मामले हैं। सीबीआई भी संपत्ति के एक मामले की जांच कर रही है।

THREAT- जोखिम

  1. कांग्रेस शिवकुमार को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकती है। शिवकुमार का मानना है कि उन्होंने चुनाव में जीत हासिल कर इस पद पर अपना दावा किया है।

OPPORTUNITY- अवसर

  1. डीके शिवकुमार की लीडरशिप में कांग्रेस ने 2018 की तुलना में लिंगायत क्षेत्रों में 28 सीटें ज्यादा जीतीं। सीएम पद पर उन्हें मिलना इस महत्वपूर्ण वोट बैंक को मजबूत कर सकता है।