दिल्ली से लखनऊ जाने वाले यात्रियों को इस दिवाली भारी जेब ढीली करनी पड़ेगी। त्योहार के मौके पर विमानों से लेकर बसों तक सभी परिवहन विकल्पों के किराए में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। जहां हवाई किराया तीन गुना तक बढ़ चुका है, वहीं निजी बसों का किराया छह गुना तक पहुंच गया है। त्योहार की आड़ में हो रही इस लूट पर न तो परिवहन विभाग की निगरानी नजर आ रही है और न ही यात्रियों को कोई राहत मिलती दिख रही है।
12 अक्तूबर को ऑनलाइन बुकिंग में जिस निजी बस का किराया 524 रुपये था, उसी बस का किराया 15 अक्तूबर के लिए 2899 रुपये तक पहुंच गया। यही नहीं, विभिन्न एजंसियों ने 18 अक्तूबर तक के लिए भी किराए में कई गुना बढ़ोतरी कर दी है। परेशानी की बात यह है कि निजी बसों के किराए को लेकर कोई तय मानक नहीं है। परिवहन विभाग केवल परमिट जारी करता है, जिनमें आल इंडिया परमिट भी शामिल हैं।
विभाग का तर्क है कि चूंकि ये बसें राज्य की सीमाओं से बाहर जाती हैं, इसलिए इनके किराये को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। हालांकि नियम साफ हैं- निजी बसें केवल बुकिंग पर चल सकती हैं, रास्ते में फुटकर सवारियों को बैठाने और नकद किराया वसूलने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद, नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है।
नोएडा से गोरखपुर तक के लिए पहले लगते थे 700 से 1000 रुपये
आम दिनों में नोएडा से गोरखपुर जाने के लिए यात्रियों को 700-1000 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं लेकिन दिवाली पर जाने के लिए टिकट का शुल्क 3000-3500 रुपये तक है। यही नहीं लखनऊ की बात करें तो आमदिनों में 500-1000 रुपये तक जाने के लिए देने होते हैं लेकिन दिवाली से ठीक दो से तीन दिन पहले जाने के लिए आपको चार हजार रुपए तक देने होंगे। वहीं बनारस जाने के लिए भी हाल कुछ यही है जहां आमदिनों में इस मार्ग पर जाने के लिए यात्रियों को 700-1000 रुपये तक देने होते हैं वहीं यह किराया बढ़ाकर चार से साढ़े चार हजार रुपये तक कर दिया गया है।
रेलवे ने दशहरा से छठ तक पूर्वांचल और बिहार के लिए विशेष ट्रेनें करीब 12 हजार फेरे में चलाने का दावा किया था। रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने इसका एलान किया था। इसके बाद कई विशेष ट्रेनें चलाई भी गईं, लेकिन अब इनमें कहीं सीट नहीं बची है। लखनऊ मंडल से भेजे गए अतिरिक्त ट्रेनों के प्रस्ताव को अभी मंजूरी नहीं मिली है।
यात्री चाहते हैं किराया नियंत्रण
यात्रियों का कहना है कि त्योहारी मौसम में सरकार को हवाई किराया और बस टिकटों पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने चाहिए। ताकि घर लौटने की खुशियां और त्योहार का उत्साह उनकी जेब पर भारी न पड़े। 16 से 18 अक्तूबर के बीच हवाई टिकटों में सबसे अधिक उछाल देखा जा रहा है, जिससे आम लोगों के लिए दीपावली की तैयारी और यात्रा महंगी हो गई है।
प्रशासनिक दावे और धरातल की सच्चाई
रोडवेज विभाग ने दावा किया है कि धनतेरस से लेकर छठ तक 24 घंटे अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी। बुलंदशहर, आगरा और लखनऊ जैसे मार्गों पर फेरे बढ़ाए गए हैं। संभागीय परिवहन अधिकारी सियाराम वर्मा के अनुसार, त्योहारी सीजन में प्रवर्तन दल सक्रिय रहेंगे और यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। हालांकि, पिछले अनुभव बताते हैं कि मनमानी किराया वसूली, ओवरलोडिंग और अव्यवस्था पर अंकुश लगाने में अब तक विभाग सफल नहीं हो पाया है।