केन्द्र की मोदी सरकार ने नोटबंदी के फैसले के बाद देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन को खूब जोर-शोर से बढ़ावा दिया। इस दौरान सरकार ने डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए सरकारी एप BHIM APP को लॉन्च किया था। अपनी लॉन्चिंग के साथ ही लोगों ने कैशलैस ट्रांजैक्शन के लिए भीम एप का जमकर इस्तेमाल किया। हालांकि अब देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन के जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके तहत मोदी सरकार की BHIM APP की चमक फीकी पड़ रही है और निजी कंपनियों की यूपीआई एप्स का भारतीय डिजिटल बाजार में दबदबा है। इकॉनोमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, निजी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पेटीएम द्वारा जनवरी माह में सबसे ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन की गई। पेटीएम के बाद नंबर Google Pay और PhonePay का आता है।

खबर के अनुसार, जनवरी माह में पेटीएम द्वारा कुल 221 मिलियन ट्रांजैक्शन हुई, वहीं गूगल पे और फोन पे द्वारा करीब 220 मिलियन ट्रांजैक्शन्स हुईं। हालांकि फोनपे ने इकॉनोमिक टाइम्स को बताया कि उसके द्वारा जनवरी में 225 मिलियन ट्रांजैक्शन हुई, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 30,000 करोड़ रुपए है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने भी यूपीआई ट्रांजैक्शन का डाटा पेश किया है। जिसके मुताबिक बीते माह कुल 672 मिलियन डिजिटल ट्रांजैक्शन हुई। वहीं दिसंबर में यह आंकड़ा 620 मिलियन रहा था।

आंकड़ों के अनुसार, देश में peer-to-peer ट्रांजैक्शन ही सबसे ज्यादा हुए हैं। वहीं व्यापारिक ट्रांजैक्शन का आंकड़ा 100-120 मिलियन प्रति माह के करीब है। कैब का किराया देने के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन में सबसे ज्यादा उछाल आया है। BHIM APP की बात करें तो जनवरी माह में भीम एप द्वारा 14 मिलियन ट्रांजैक्शन हुई, जबकि दिसंबर, 2018 में यह आंकड़ा 17 मिलियन रहा था। इस तरह कह सकते हैं कि भीम एप के प्रति लोगों के रुझान में थोड़ी कमी आयी है।