गुजरात में अहमदाबाद ऐसा चौथा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन है जिसने सड़क किनारे से नॉनवेज स्टॉल और ठेले हटाने का आदेश दे दिया है। सार्वजनिक स्थानों पर इसे हटाने का आधार जनता की शिकायत बताया गया है। कहा गया है कि इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। इस मामले को लेकर भाजपा शासित AMC और पार्टी चीफ में भी मतभेद नजर आ रहा है।
गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि लोग जो चाहें खा सकते हैं। उन्हें कोई रोक नहीं सकता और ऐसा फैसला किसी ने नहीं लिया है। वहीं एएमसी के एक फैसले के बाद मंगलवार को एंटी एनक्रोचमेंट ड्राइव भी चलाई गई। 40 से ज्यादा ठेले और दुकानों को सीज किया गया।
पाटिल से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि लोगों पर किसी तरह का कानूनी प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। देश में दो तरह के लोग हैं, एक जो शाकाहारी हैं औऱ दूसरे जो मांस भी खाते हैं। ये उनका अधिकार है कि वे क्या खाएंगे। कोई इस मामले में रोक नहीं लगा सकता है। हालांकि अगर खाने का सामान बेचने वाले लोग हाइजीन का ध्यान नहीं रखेंगे तो उनपर कार्रवाई होगी।
टाउन प्लानिंग कमिटी के चेयरमैन देवांग दानी ने बताया कि स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थानों, पार्किंग और अन्य सार्वजनिक स्थानं से अंडे और नॉनवेज के ठेलों को हटाने का आदेश दिया गया है। यह नियम लाइसेंस और नॉन लाइसेंस दोनों वेंडर पर लागू होगा। उन्होंने कहा कि मेन रोड से हटकर गलियों में वे अपना कारोबार कर सकते हैं। हालांकि दूरी इतनी होनी चाहिए कि सड़के से गुजरने वालों को न दिखायी दे।
उन्होंने यह भी कहा कि कच्चा मांस ढका हुआ होना चाहिए और मछिली, पोल्ट्री और मीट को बंद डिब्बे में रखा जाए। इसके अलावा मटन को हुक से दुकानों पर नहीं लटकाया जाएगा।