जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘धुरंधर’ जैसी अति-राष्ट्रवादी फिल्मों पर राय दी। उमर ने कहा कि उन्होंने इनमें से कोई भी फिल्म नहीं देखी है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि प्रोपगैंडा फिल्म होने के बावजूद कश्मीर में बड़ी संख्या में दर्शक ‘धुरंधर’ देख रहे हैं।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा आयोजित ‘एक्सप्रेस अड्डा’ कार्यक्रम में उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मैंने दोनों में से कोई भी फिल्म (द कश्मीर फाइल्स और धुरंधर) नहीं देखी है और सच कहूं तो मेरा उन्हें देखने का कोई इरादा भी नहीं है। हालांकि, मुझे ईमानदारी से कहना होगा कि पहली फिल्म (द कश्मीर फाइल्स) घाटी में ज्यादा सफल नहीं रही लेकिन दूसरी फिल्म (धुरंधर) और मैं इसका नाम नहीं लूंगा क्योंकि मुझे बोलने में दिक्कत होगी लेकिन दूसरी फिल्म ज़बरदस्त कमाई कर रही है।”
भले ही यह एक प्रोपगैंडा फिल्म हो लोग इसे पसंद कर रहे- उमर अब्दुल्ला
दर्शकों में बैठे कश्मीर के मल्टीप्लेक्स मालिक की ओर इशारा करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीएम ने कहा, “मुझे दर्शकों में विजय धर साहब नजर आ रहे हैं। घाटी में उनका इकलौता मल्टीप्लेक्स है और वे सिर हिलाते हुए कह रहे हैं कि उनकी दूसरी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त कमाई कर रही है। इससे साफ है कि कश्मीर के दर्शक, भले ही यह एक प्रोपगैंडा फिल्म हो, इसे पसंद कर रहे हैं।” यह फिल्म राजधानी के साथ-साथ पुलवामा और शोपियां जैसे घाटी के छोटे शहरों में भी हाउसफुल चल रही है।
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पाकिस्तान के साथ संबंधों का सामान्य होना फिलहाल असंभव लग रहा- जम्मू-कश्मीर के सीएम
कार्यक्रम में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान के साथ संबंधों का सामान्य होना फिलहाल असंभव लग रहा है। संवाद ही एकमात्र रास्ता है लेकिन बातचीत के लिए आवश्यक अनुकूल वातावरण स्पष्ट रूप से नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह का माहौल बनाने की पूरी जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने पहलगाम और दिल्ली में हुए हमलों समेत हालिया सुरक्षा उल्लंघनों का हवाला देते हुए कहा कि जमीनी हकीकत अभी भी शत्रुतापूर्ण है और भारत से ऐसे उकसावों को नजरअंदाज करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक दिल्ली विस्फोट जैसी घटनाएं होती रहेंगी, संबंधों के सामान्य होने की कल्पना करना मुश्किल है।’’
वहीं, पहलगाम हमले पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक घिनौना हमला था। यह ऐसा हमला था जिसमें लोगों को कतार में खड़ा किया गया, उनके धर्म के आधार पर उन्हें अलग किया गया और फिर बेरहमी से गोली मार दी गई। आपका खून कैसे नहीं खौल रहा? मैं देश के बाकी हिस्सों के लोगों को यह बताना चाहता था कि जम्मू-कश्मीर के लोग किसी भी तरह से इससे सहमत नहीं हैं। पढ़ें- पाकिस्तान के साथ संबंधों का सामान्य होना असंभव लग रहा- उमर अब्दुल्ला
