MEA Spokesperson Randhir Jaiswal: भारत ने मंगलवार को दोहराया कि जम्मू एवं कश्मीर पर उसका रुख पहले की तरह साफ है। और यह मामला पूरी तरह से द्विपक्षीय है तथा इसे भारत और पाकिस्तान के बीच ही सुलझाया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जुड़े किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा। इस घोषित नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ भारत का एकमात्र लंबित मुद्दा अवैध कब्जे वाले क्षेत्र की वापसी है। जायसवाल ने कहा कि लंबित मामला पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के विदेशी मीडिया को दिए इंटरव्यू पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जीत का दावा करना उनकी पुरानी आदत है, उन्होंने 1971, 1975 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी यही राग गाया। पाकिस्तान का ये पुराना रवैय्या है। परस्त हो जाए लेकिन ढोल बजाओ।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि CCS (सुरक्षा पर कैबिनेट समिति) के फैसले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है। मैं आपको थोड़ा पीछे ले जाना चाहूंगा। सिंधु जल संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से संपन्न हुई थी, जैसा कि संधि की प्रस्तावना में निर्दिष्ट है। हालांकि, पाकिस्तान ने कई दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को स्थगित रखा है। अब CCS के फैसले के अनुसार, भारत संधि को तब तक स्थगित रखेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता। कृपया ध्यान दें कि जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय बदलाव और तकनीकी परिवर्तनों ने जमीन पर भी नई वास्तविकताओं को जन्म दिया है।
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पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने पाकिस्तानी पक्ष द्वारा दिया गया बयान देखा है। जिस देश ने औद्योगिक स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, उसका यह सोचना कि वह इसके परिणामों से बच सकता है, खुद को मूर्ख बनाना है…. पाकिस्तान जितनी जल्दी इसे समझ लेगा, उतना ही बेहतर होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्यापार पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत हुई। इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।
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