बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री के साथ अपने संबंधो पर बात की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया की उनके कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के साथ कैसे रिश्ते हैं। उन्होंने कहा कि उनके जैसा प्रधानमंत्री पाना बहुत मुश्किल है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने संबंधों पर आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “हमारे संबंध बहुत सौहार्दपूर्ण हैं, एकदम भाई की तरह। देश के लिए उनके जैसा प्रधानमंत्री पाना बहुत मुश्किल है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि वह केवल देश के लिए सोचते हैं। मिशन 2047 को लेकर भारत का दृष्टिकोण अभूतपूर्व है। दुश्मन के घर में घुसकर उसे मारना अभूतपूर्व है। वह राम और राष्ट्र की बात करते हैं। वह खेल और रेल की बात करते हैं। वह चाय और गाय की बात करते हैं।”
दिग्विजय सिंह से मेरे बहुत अच्छे संबंध- धीरेंद्र शास्त्री
राजनीतिक दलों से अपने संबंधों पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “इस देश में किसी भी राजनीतिक दल ने हिंदुत्व का ठेका नहीं लिया है, हमारा किसी दल से कोई गठबंधन नहीं है। सभी राजनीतिक दल हमारे हैं क्योंकि सभी दलों में हिंदू हैं। कांग्रेस से मेरे संबंध बहुत अच्छे हैं। कमलनाथ जी ने छिंदवाड़ा में हमारी कथा का आयोजन किया था। दिग्विजय सिंह से मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं।”
बागेश्वर धाम के पीठाधीश ने कहा- संविधान का नियम है कि आप संस्कृति, सनातन का खुलकर प्रचार कर सकते
बढ़ते हिंदू कट्टरपंथ के बारे में पूछे जाने पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश ने कहा, “कट्टरपंथ में अगर किसी के ख़िलाफ़ हिंसा शामिल नहीं है तो ठीक है। कट्टरपंथ का मतलब हिंसा नहीं है; इसका मतलब है अपनी रक्षा करना। कट्टरपंथ के नाम पर अगर आप गला काटते हैं, मंदिर-मस्जिद तोड़ते हैं, देवताओं के झंडे फाड़ते हैं, रामचरित मानस और रामायण जलाते हैं, गौहत्या करते हैं, राम के अस्तित्व का प्रमाण मांगते हैं तो ये मूर्खता है। ये मूर्खता है। कट्टरपंथ का मतलब है अपनी संस्कृति का प्रचार करना। संविधान का नियम है कि आप अपनी संस्कृति, अपने सनातन का खुलकर प्रचार कर सकते हैं।”
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‘सर तन से जुदा जैसे बयान देश के कानून के खिलाफ
आई लव मोहम्मद’ विवाद पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “मुझे कोई दिक्कत नहीं है। हमने इसका समर्थन किया था लेकिन जब मैं कहता हूं ‘आई लव महादेव’ तो आपको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। दूसरी बात, ‘सर तन से जुदा’ जैसे बयान मत दीजिए। ये देश के कानून के खिलाफ है। ये देश के संविधान के खिलाफ है। हमारे अब तक के सारे बयान देखिए। हमने सिर्फ़ एक ही बात कही है। हम तलवारबाज़ी में विश्वास नहीं रखते। हम विचारों की लड़ाई में विश्वास रखते हैं।”
हमारे हिंदू त्योहारों पर पटाखे फोड़े जाने का उपदेश क्यों देते हैं?
पटाखों पर धीरेंद्र शास्त्री बोले, “किसी ने बयान दिया कि पटाखे प्रदूषण फैलाते हैं। हम इससे सहमत हैं लेकिन पटाखे क्रिसमस के दिन, पहली जनवरी को भी फोड़े जाते हैं, जब देश क्रिकेट मैच जीतता है तो भी पटाखे फोड़े जाते हैं। उससे भी प्रदूषण होता है लेकिन आप हमारे हिंदू त्योहारों पर पटाखे फोड़े जाने का उपदेश क्यों देते हैं? आप सिर्फ़ हिंदुओं को निशाना बनाएंगे तो हमें दिक्कत होगी, हमें इस बात का गुस्सा आएगा कि आप हमें निशाना बना रहे हैं और आप हिंदुओं का उत्साह कम करना चाहते हैं।”
एएनआई के साथ इंटरव्यू में बागेश्वर धाम के पीठाधीश ने कहा, “हम धर्म के नाम पर लड़ रहे हैं और इससे भटकाव हो रहा है। हम जातियों के नाम पर लड़ रहे हैं जो देश को रसातल में धकेल रहा है तो क्यों न इसका समाधान खोजा जाए आइए हम अपनी ऊर्जा जाति, धर्म और क्षेत्रवाद के झगड़ों से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद के लिए जीना शुरू करें। यही हमारी पदयात्रा का उद्देश्य है।”
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धीरेंद्र शास्त्री ने बताया अपनी पदयात्रा का उद्देश्य
धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी पदयात्रा पर कहा, “हम चाहते हैं कि जातिवाद के नाम पर कोई ज़हर न फैलाया जाए। हम चाहते हैं कि इस देश में हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान का जश्न मनाया जाए। हम मुसलमानों या ईसाइयों के ख़िलाफ़ नहीं हैं। हम हिंदुओं की संख्या में आई गिरावट, हिंदुओं में व्याप्त भय, हिंदुओं पर हो रहे या हो चुके अत्याचारों की भरपाई नहीं कर सकते। डिफेंडर या फॉर्च्यूनर में घूमने से यह देश हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। हमें हर गांव, हर गली, हर नुक्कड़ पर जाना होगा तभी हिंदू बचेगा, तभी हिंदू जागृत होगा। हम 7 से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक 10 दिनों की यह पदयात्रा कर रहे हैं, ताकि हर गांवऔर हर गली के हिंदुओं को गले लगाया जा सके।”