UP Lok Sabha Chunav 2024: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव अपने आखिरी फेज में पहुंच रहा है, वैसे यूपी की सारी गतिविधियां पूर्वी हिस्से में ट्रांसफर हो गई हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पूर्वी यूपी में भाजपा के प्रचार अभियान को धार देने के लिए प्रयागराज में डेरा डाले हुए हैं। चुनाव प्रचार के एक और व्यस्त दिन की शुरुआत से पहले उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की है। मौर्य ने यूपी में लोकसभा इलेक्शन के नतीजे, पेपर लीक पर रोक समेत अन्य कई मुद्दों पर बातचीत की है।
नतीजों के अनुमान को लेकर मौर्य ने कहा कि एनडीए अलायंस पहले ही बहुमत के आंकड़े को पार कर चुका है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि यूपी में हम रायबरेली और कन्नौज समेत कई सीटें जीत रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी गठबंधन केवल कुछ ही सीटों पर चुनाव लड़ रहा है, लेकिन हम उन्हें भी थोड़े अंतर से जीतने में कामयाब होंगे। उन्होंने आगे कहा कि गरीब, किसान, युवा और महिलाएं हमारी ताकत हैं।
कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी
2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से यूपी के सभी चुनावों में बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं में जिस तरह का उत्साह दिखाई दिया था। वह अब नजर नहीं आ रहा है। इस पर मौर्य ने कहा कि मैंने इस चीज पर कभी ध्यान नहीं दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि हमारे सामने कोई भी मजबूत विपक्ष मौजूद नहीं है। तो हमारे कार्यकर्ताओं को किससे लड़ना चाहिए? समाजवादी पार्टी हो या कांग्रेस या बहुजन समाज पार्टी किसी के पास जमीनी स्तर पर कोई कार्यकर्ता नहीं है।
हमारे कार्यकर्ताओं के पास जमीनी स्तर पर एक योजना है और वोटरों की पूरी जानकारी है। मौर्य ने आगे कहा कि हमारा नारा है ‘100 में साथ हमारा है, बाकी में बंटवारा है।’ यहां तक कि विपक्षी नेताओं के परिवारों की महिलाएं भी कहती हैं कि वे पीएम मोदी को ही वोट देंगी। पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए कहा है।
संविधान में बदलाव और आरक्षण के मुद्दे पर क्या बोले डिप्टी सीएम
संविधान में बदलाव और आरक्षण के मुद्दे पर डिप्टी सीएम ने कहा कि इस पर वह सभी झूठ फैलाने में लगे हुए हैं। अगर हम साफ नहीं करेंगे तो वे झूठ फैलाते रहेंगे और वोटर्स को गुमराह करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक मोदी पीएम हैं, एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण कोई भी नहीं छीन सकता है। कांग्रेस पार्टी ने देश में आपातकाल लगाया। सपा के मुखिया अखिलेश यादव अब कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
पेपर लीक के मुद्दे पर युवाओं में गुस्सा?
इस मामले पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है, लेकिन सपा सरकार में पेपर लीक माफिया, नकल माफिया, भर्ती बोर्ड के सदस्यों की हत्याएं हुईं। हमने 6 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरियां दी हैं। उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में पुलिस भर्ती का पेपर लीक हो गया था लेकिन हम इसकी तह तक गए और पता लगाया कि लीक के पीछे कौन लोग थे। उन्हें कानून के हिसाब से सजा दी जाएगी। हमारी सरकार हर तरह के माफिया के खिलाफ हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि हम ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं ताकि भविष्य में पेपर लीक ना हो।
अग्निपथ योजना को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि युवाओं में काफी जोश है। अग्निपथ की इस देश को बहुत जरूरत थी। युवा चमत्कार कर सकते हैं। उनका भविष्य अंधकारमय नहीं है। सेना में अग्निवीर के रूप में सेवा खत्म होने के बाद उनके लिए बहुत सारे अवसर खुल जाते हैं। अग्निपथ योजना देश के लिए गेम चेंजर है और देश की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ को कुर्सी से हटाने के सवाल पर क्या बोले केपी मौर्य
सीएम योगी आदित्यनाथ को चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने के सवाल पर केपी मौर्य ने कहा कि मैं इसे लेकर विपक्ष की चिंता और इस मुद्दे को उठाने के पीछे उनके एजेंडे को समझ नहीं पा रहा हूं। वे केवल गलत और झूठ का ही सहारा ले रहे हैं। अगर हमारी पार्टी में किसी पद पर किसी को बदला जाता है तो क्या इसका फैसला विपक्ष करेगा? क्या विपक्ष के नेता हमारे विधायक हैं? क्या वे इसका फैसला करेंगे। वे इस तरह के झूठ फैलाते रहते हैं, लेकिन सीएम योगी यहां हैं और काम कर रहे हैं और राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं।
दूसरे दलों से आए नेताओं को मिले टिकट पर क्या बोले डिप्टी सीएम
केपी मौर्य ने कहा कि कल्याण सिंह के समय भारतीय जनता पार्टी मजबूत थी। बाद में यह 10 लोकसभा सांसदों और 50 विधायकों की पार्टी बन गई। पार्टी कमजोर हो गई और हमारे कई नेता दूसरी पार्टियों में चले गए। पीएम मोदी के आने के बाद सब कुछ बदल गया है। हमारी ताकत की वजह से दूसरी पार्टियों के नेता हमारे पास आए हैं। मैं मानता हूं कि हमारे कार्यकर्ता अक्सर इस वजह से नाराज होते हैं, लेकिन हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें निराश नहीं होना चाहिए और हम विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनावों के दौरान अन्य जिम्मेदारियों और पार्टी पदों के लिए उन पर विचार कर सकते हैं।