दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि लॉकडाउन कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने में कारगर नहीं है। यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। लिहाजा दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेहतर अस्पताल प्रबंधन और बेहतर मेडिकल सिस्टम से इस संकट का मुकाबला किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराया है और आगे भी इसे कराया जाएगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए दिल्ली में कुछ सख्ती बरतने का संकेत किया था। इससे लोगों में फिर से लॉकडाउन लगने की आशंका फैल गई थी।
उन्होंने दिल्ली के व्यापारियों और दुकानदारों को आश्वस्त किया है कि लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। कहा कि हम चाहते हैं कि आपकी दुकानें खुली रहें। उन्होंने साफ किया कि यदि जरूरत पड़ी तो कुछ स्थानों पर पाबंदी जरूर लगाई जाएगी। कहा कि “हमनें केंद्र सरकार से यही मांग की है, लेकिन यह किसी भी रूप में लॉकडाउन नहीं है।”
I'd like to assure shopkeepers, they need not be scared. We don't intend to impose a lockdown. We want your shops to remain open…If needed, regulations will be increased in some markets -that's what we requested from centre. But it won't be a lockdown in any manner: Delhi Dy CM https://t.co/8ayJMMco4A
— ANI (@ANI) November 18, 2020
इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी राजधानी में लगातार बढ़ते कोरोनावायरस के केसों को देखते हुए लॉकडाउन करने की आशंका को खारिज किया है। उन्होंने भी कहा कि जरूरत पड़ने पर कुछ चीजों पर पाबंदी जरूर लगाई जाएगी, लेकिन लॉकडाउन नहीं होगा। कहा कि कुछ भीड़भाड़ वाले इलाकों में रोक लगाई जाएगी।
उधर, आईसीएमआर और दिल्ली सरकार मिलकर इस महीने के अंत तक प्रति दिन 60 हजार आरटी-पीसीआर टेस्टिंग करेंगे। टेस्टिंग क्षमता प्रतिदिन 10 हजार बढ़ाई गई है। गृहमंत्रालय ने कहा है कि डीआरडीओ दिल्ली हवाई अड्डे के पास अपने कोविड अस्पताल में अगले 3-4 दिनों में 250 अतिरिक्त आईसीयू बेड की व्यवस्था करेगा,साथ ही 34 बीआईपीएपी बेड भी लगाया जाएगा।
इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देश में कोविड- 19 से संक्रमित लागों की संख्या बुधवार को 89 लाख के पार पहुंच गई। हालांकि इनमें से 83 लाख से अधिक लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर 93.52 प्रतिशत हो गई है।