1990 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा की गई रथ यात्रा ने कई राजनेताओं को प्रेरित किया। इसके बाद कई राजनीतिक दल अपने चुनाव अभियान के दौरान रथ यात्रा का इस्तेमाल करने लगे।
अब ऐसा लगता है कि नौकरशाहों ने भी आधिकारिक अभियान शुरू करने के लिए रथ यात्रा शब्द का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल और स्वच्छता विभाग ने स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह रथ यात्रा’ शुरू करने के लिए राज्य सरकारों को एक एडवाइजरी भेजी है।
इसमें कहा गया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए ‘रथ यात्रा’ आयोजित कर सकते हैं। 25 अगस्त को भेजी गई एडवाइजरी में कहा गया है कि छत्तीस “स्वतंत्र रथ” राज्यों की राजधानियों से सभी जिलों में जा सकते हैं। इस दौरान वे ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह’ के संदेश को फैलाएंगे और दिन के अंत में स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण स्थान पर इकट्ठा होंगे।
बता दें केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने हालही में बताया था कि अगले पांच वर्षों यानि 2025-26 तक ग्रामीण स्थानीय निकायों व पंचायतों को साफ पानी और स्वच्छता के लिए 142084 करोड़ रुपए का सशर्त अनुदान स्वीकृत किया गया है।
जल शक्ति मंत्रालय ने कहा था कि 15वें वित्त आयोग से जुड़े अनुदान से ग्राम पंचायतों को उनकी सुनिश्चित जलापूर्ति और स्वच्छता संबंधी योजनाओं को लागू करने के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी। ग्राम पंचायतें ‘सेवा वितरण’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्थानीय ‘सार्वजनिक सेवाओं’ के रूप में महत्वपूर्ण कार्य कर सकती हैं।