उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 2013 में जब दंगे हो रहे थे तब भी देवबंद में शांति थी। यह वही जगह जहां से मुस्लिमों की संस्‍था दारुल-उलूम काम करती है। यूपी के अन्‍य इलाकों से देवबंद में कभी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए, लेकिन बीजेपी को लगता है कि 13 फरवरी को होने जा रहे उपचुनाव में मुकाबला हिंदू बनाम मुस्लिम होगा।

यहां से पार्टी के कैंडिडेट और पूर्व आरएसएस प्रचारक रामपाल सिंह पुंढीर ने हिंदुओं के सम्‍मान को अपना अहम एजेंडा बताया है। उन्‍होंने कहा, ‘एक भय होगा, उनके अंदर, हमारा टेरर होगा उनके ऊपर, उनके गुंडो पर।’ हत्‍या की कोशिश के मामले में जेल में रहे पुंढीर कहते हैं, ‘हिंदुओं में उपद्रवी नहीं होते।’ मुजफ्फनगर और देवबंद में बीजेपी की रैलियों से यह स्‍पष्‍ट हो जाता है कि पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि मुस्लिम समुदाय हिंदुओं को डरा रहा है। आपको बता दें कि ये दोनों समाजवादी पार्टी के विधायकों की मृत्‍यु के बाद खाली हुई थीं।

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बड़गांव क्षेत्र में अपने चुनावी कार्यालय के उद्घाटन पर समर्थकों के बीच घिरे पुंढीर कहते हैं, ‘यह चुनाव हिंदू और मुस्लिमों की लड़ाई है, क्‍योंकि हिंदू असुरक्षित हैं। हिंदू व्‍यापारियों के यहां चोरी, डकैती हो रही हैं। मर्डर भी किए जा रहे हैं। देवबंद में किसी हिंदू की हिम्‍मत नहीं है कि कुछ बोल जाए। 2017 में जब हमारी सरकार उत्‍तर प्रदेश में आएगी, तब हम देखेंगे कि ये लोग कैसे अत्‍याचार करते हैं?’ रामपाल सिंह ने आगे कहा, ‘देवबंद में एक जगह है, रेती चौक। हिंदू इस इलाके में जाने डरते हैं। जब मैं विधायक बनूंगा, तब मैं वहां शर्ट के बटन खोलकर घूमंगा।

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