राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (दिल्ली चिड़ियाघर) में जीवनसंगिनी ना मिलने की वजह से हमेशा विवादों में रहने वाले अफ्रीकी मूल के नर हाथी ‘शंकर’ की बुधवार शाम मौत हो गई। मौत का कारण जानने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। यह जानकारी चिड़ियाघर प्रशासन ने गुरुवार को दी। चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया कि ‘शंकर’ को 1996 में जिम्बाब्वे ने भारत को उपहार में दिया था। यह हाथी 1998 में दिल्ली के चिड़ियाघर पहुंचा था। चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि 29 वर्षीय शंकर ने बुधवार सुबह कम पत्ते और घास खाई थी और उसे हल्का दस्त भी था, लेकिन वह सामान्य रूप से आहार, फल और सब्जियां ले रहा था।
चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, उसकी खुराक में कमी होने व दस्त होने के बाद पशु चिकित्सा टीम द्वारा उसे उपचार दिया गया और पशुपालन कर्मचारियों की निगरानी में रखा गया लेकिन बुधवार शाम 7:25 बजे वह अचानक अपने शेड में गिर गया, आपातकालीन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
16 सितंबर तक पूरी तरह से ठीक था हाथी
प्रशासन का कहना है कि 16 सितंबर तक शंकर में किसी प्रकार की बीमारी या असामान्य व्यवहार की कोई रपट नहीं थी। इसीलिए उसके मौत के कारणों का पता लगाने के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली के विशेषज्ञों की टीम, स्वास्थ्य सलाहकार समिति और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रतिनिधियों द्वारा पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
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चिड़ियाघर में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि शंकर वर्ष 2002 में तब अकेला पड़ गया, जब विम्बाई की मौत हो गई। विम्बाई की मौत की वजह संक्रमण रही। जिसके बाद शंकर ने खेलना-कूदना बंद कर दिया और 13 साल से वो अलग-थलग अवस्था में चिड़ियाघर में रह रहा था। उसकी जीवनसंगिनी के लिए दिल्ली चिड़ियाघर ने कई बार जिम्बाब्वे व बोत्सवाना सरकारों से बातचीत भी की लेकिन सबकुछ बेनतीजा साबित हुआ और बिना जीवनसंगिनी के ही शंकर की मौत हो गई।
शंकर की रिहाई को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका
शंकर को लंबे समय से व्यवहार संबंधी तनाव था, जिसकी वजह अकेलापन था। उसके गुस्से की वजह से उसे अन्य एशियाई हाथियों से भी अलग रख दिया था। हालात इतने गंभीर हो गए थे कि शंकर को जंजीरों से भी बांधकर रखना पड़ा था। वर्ष 2022 में एक पशुप्रेमी ने शंकर की रिहाई को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
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वो दिल्ली चिड़ियाघर में विम्बाई के साथ खेलते-कूदते बड़ा हुआ था। शंकर-विम्बाई की प्रेम कहानी भी काफी मशहूर हुई थी और वह दोनों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गए थे।
