Delhi Government Scheme: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (Aam Aadami Partt) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने महिलाओं से वादा किया था कि दिल्ली सरकार हर महीने उन्हें 1,000 रुपये देगी। हालांकि, बजट 2024 में वादे के बावजूद ये स्कीम अभी तक तो लागू नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री महिला सम्मान के तौर पर पेश की गई इस योजना लागू होने पर संशय है क्योंकि वित्त विभाग ने इसे दिल्ली सरकार की आर्थिक स्थिति के लिहाज से ‘जोखिम भरा’ बता दिया है।

दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, वित्त विभाग ने दिल्ली कैबिनेट के महिलाओं के लिए 1000 रुपये प्रतिमाह की योजना के प्रस्ताव पर कहा कि अगर मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना लागू की जाती है, तो सब्सिडी पर सरकारी खर्च, 15 से बढ़कर 20 प्रतिशत तक हो जाएगा। फाइनेंस डिपार्टमेंट ने यह भी कहा है कि दिल्ली सरकार द्वारा लोन लेकर इस योजना का लागू करना भी आसान नहीं होगा।

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CM आतिशी ने अधिकारियों को दिए थे निर्देश

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी इस योजना को लागू करने की उम्मीद कर रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री आतिशी ने पिछले हफ्ते ही वित्त विभाग से कहा था कि वे कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें। आतिशी का कहना था कि वित्त और योजना विभागों को प्रस्ताव पर विचार करने और उसके अनुसार अपना मत रखने का निर्देश दिया था।

योजना को लेकर गिनाई गई कमियां

इस योजना को लेकर अधिकारियों ने बताया है कि उन्होंने 9 दिसंबर को वित्त मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इस मामले में सू्त्र बताते हैं कि महिला एवं बाल विकास विभाग इस योजना को लागू करने पर काम कर रहा है, जिसके लिए करीब 4560 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। विभाग ने इस योजना की कई कमियों का भी जिक्र किया है।

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महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा योजना की कमियों को लेकर बताया गया कि इस योजना के चलते वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी में कमी आ सकती है। इतना ही नहीं, योजना में अहम बदलावों के लिए बजट काफी कम है। इसके अलावा एक कमी यह भी बताई गई कि इस योजना को लागू करने में दुरपयोग का जोखिम भी है।

अरविंद केजरीवाल ने बजट में पेश की थी योजना

बता दें कि मार्च में 2024-25 के बजट में दिल्ली सरकार ने पहली बार घोषणा की थी कि महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये मिलेंगे। हालांकि, आबकारी नीति मामले में तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण योजना के क्रियान्वयन में देरी हुई है।

इस योजना के लाभार्थियों की बात करें तो दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार, प्रस्तावित योजना का लक्ष्य 3 लाख रुपये से कम वार्षिक पारिवारिक आय वाली महिलाएं हैं। इसके चलते लाभार्थी महिलाओं की संख्या करीब 10 लाख तक होगी।

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दिल्ली सरकार ने मांगा है लोन

इस योजना को लेकर सूत्रों ने खूबियां और कमियां दोनों गिनाई हैं। सूत्रों ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने यह भी बताया कि इस योजना का महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी पर नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि मासिक मानदेय महिलाओं को सैलरी वाली नौकरी करने से दूर भी कर सकता है।

बता दें कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय लघु बचत कोष से ऋण मांगा है। अधिकारियों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान बजट अनुमान में 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था और दिल्ली सरकार ने केंद्र से NSSF के लोन प्रावधान के तहत पैसा मांगा है लेकिन अभी तक तो उसे कोई पैसा नहीं मिला है। दिल्ली से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।