नागरिकता संशोधित कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा को लेकर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज भड़क गए सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण का क्लिप चलाया गया।
इस दौरान जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि स्थिति काफी खराब है। हमने सभी वीडियो देखे हैं। कई नेता भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। वीडियो कई सारे न्यूज चैनलों पर मौजूद है। उच्च न्यायालय ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता, डीसीपी (अपराध) से कहा कि क्या उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण का वीडियो क्लिप देखा है? दिल्ली पुलिस का कहना था कि उसने कपिल मिश्रा का वीडियो नहीं देखा है जिसके बाद जज भड़क गए।
जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि हम पुलिस के रवैये से हैरान हैं। कोर्ट ने एसजी से पुलिस कमिश्नर को भड़काऊ भाषण देने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सलाह देने के लिए भी कहा। इसके अलावा हाई कोर्ट ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा का भी वीडियो देखा। इस मामले की आगे की सुनवाई 2:30 बजे से फिर शुरू हुई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि एक और 1984 देश में नहीं होने देंगे।
सॉलिसीटर जनरल ने प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका में केन्द्र को भी पक्षकार बनाने का अनुरोध किया और कहा कि यह मुद्दा कानून-व्यवस्था से जुड़ा है मेहता ने उच्च न्यायालय से मामले पर सुनवाई बृहस्पतिवार को करने का अनुरोध करते हुए कहा कि याचिका में जो आग्रह किया गया है उस पर कल सुनवाई की जा सकती है।उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेता वर्मा और ठाकुर ने कई दिन पहले बयान दिए थे और इन पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता नहीं है।