दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर टीआर कक्कड़ ने भड़काऊ बयान देने पर भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए। रविवार (1 मार्च, 2020) को हिंदी न्यूज चैनल एबीपी न्यूज से बातचीत में पूर्व कमिश्नर ने कहा कि भड़काऊ बयान देने पर कपिल मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के कई बड़े दिग्गज नेता भड़काऊ बयान के चलते सुर्खियों में रहें थे। इनमें कपिल मिश्रा के अलावा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
पूर्व कमिश्नर ने देरी से कार्रवाई करने पर दिल्ली पुलिस भी निशाना साधा। पूछने पर उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि मैं हिंसा भड़कने के शुरुआती घंटों में सख्त कदम उठाता। न्यूनतम बल प्रयोग और जवानों की कम संख्या में तैनाती के कारण हिंसा बढ़ गई। पुलिस की छवि दुनिया की नजरों में आ गई है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में सभी बुरे काम तभी हुए जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आधिकारिक भारत दौरे पर आए थे। कुछ जगहों पर बरामद हथियार और पेट्रोल बमों से पता चलता है कि हिंसा पूर्व नियोजित थी। आयुक्त और उप राज्यपाल ने प्रतिक्रिया देर से की।
इससे पहले दिल्ली के ही पूर्व पुलिस कमिश्नर अजय राय शर्मा ने कहा था कि हिंसा को रोकने में पुलिस ने कई बड़ी गलतियां की। पुलिस से कई तरह की चूक भी हुईं। अजय राज शर्मा तो यहां तक कह गए कि अगर किसी ने पुलिस के सामने हथियार उठाया या फिर गोली चलाई, उसे गोली मार देनी चाहिए थी। साथ ही उन्होंने कहा कि भड़काऊ बयानों के लिए अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा पर कार्रवाई होनी चाहिए। अजय राज वर्मा साल 1999 से 2002 तक दिल्ली पुलिस में अपनी सेवाएं दे चुके हैं जबकि टीआर कक्कड़ 1997 से 1998 तक दिल्ली पुलिस के कमिश्नर रहे।
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उल्लेखनीय है कि सप्ताह की शुरुआत में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई और 250 से अधिक लोग घायल हो गए। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पंप को फूंक दिया। उग्र भीड़ ने स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। यह तीन दशक में सबसे भयानक दंगा था। हालांकि दिल्ली के दंगाग्रस्त इलाकों में अब स्थिति शांतिपूर्ण है।
इन क्षेत्रों में अब जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। सुरक्षार्किमयों की व्यापक गश्त के बीच खुलीं कुछ दुकानों से किराने का सामान और दवाइयां खरीदने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। स्थानीय निवासी इस सप्ताह की शुरुआत में इलाके में हुए सांप्रदायिक दंगों में पहुंचे नुकसान से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहे हैं।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, शिव विहार, यमुना विहार हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में शामिल हैं।
