नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी दिल्ली में भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या 47 हो गई है। वहीं घायलों की संख्या 200 के पार है।
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।उन्होंने कहा कि यह प्रायोजित नरसंहार है। उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में ‘दंगों का गुजरात मॉडल’ लागू करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिल्ली में मासूम लोगों की हत्या से अत्यंत दुखी हूं। मेरे विचार से यह नरसंहार था…दिल्ली में हिंसा राज्य प्रायोजित थी।’’ बनर्जी ने दावा किया कि यह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के कारण हुआ कि दिल्ली में ‘‘इतने सारे लोग मारे गए’’। उन्होंने कहा कि ‘‘अमित शाह को यह बात अपने जहन में रखनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा को दिल्ली दंगों के लिए माफी मांगनी चाहिए।

वहीं दूसरी ओर ओवैसी ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है। औवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री दिल्ली में रहते हैं और उनके घर के इतने नजदीक दंगे हो रहे हैं। इससे सरकार की नियत पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ की जायदाद जला दी गई। गया है। कई बच्चे यतीम हो गए हैं। ये बर्बरियत की मिसाल है।

दिल्ली हिंसा का असर लोकसभा और राज्यसभा में भी देखने को मिला।विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया।अमित शाह के इस्तीफे की मांग के भी नारे लगे।हंगामे के बाद सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। जवाब में केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘जिनलोगों ने 1984 में 3,000 लोगों के मारे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की, आज वे यहां हंगामा कर रहे हैं। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।’

वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे विपक्षी लोगों ने PM,अमित शाह को गाली देने का काम किया।CAAके खिलाफ पूरे देश में झूठा प्रचार किया, पूरे देश के हालात बिगाड़ने का काम विपक्षी लोगों का है अब ये सब घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, घड़ियाली आंसू बहाने वालों पहले तुम इस्तीफा दो।