तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। वह अब हफ्ते में केवल दो बार ही अपने वकीलों से मुलाकात कर पाएंगे। उन्होंने हफ्ते में 5 बार वकीलों से मुलाकात करने की मांग की थी। अरविंद केजरीवाल ने अपनी याचिका में मांग की थी कि पीएमएलए मामले में उन्हें हफ्ते में पांच बार वकीलों से मिलने का मौका दिया जाए। हालांकि कोर्ट ने इसे याचिका को खारिज कर दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट से भी केजरीवाल को लग चुका है झटका
इससे एक दिन पहले ही मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से भी अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा था। अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिजकर दिया था।
कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है- दिल्ली हाई कोर्ट
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली थी। दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने 25 मिनट तक अपना फैसला पढ़कर सुनाया और इस दौरान उन्होंने कई बार केजरीवाल को नसीहत भी दी तो कई बार फटकार भी लगाई। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने कहा कि कानून की नजर में अरविंद केजरीवाल केवल एक सामान्य नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ केजरीवाल की गिरफ्तारी का नहीं है बल्कि यह समझना भी जरूरी है कि गिरफ्तारी और रिमांड में अंतर क्या है? कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है।
जस्टिस ने कहा कि एक आम आदमी को आरोप लगने पर तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाता है और उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाता है। मुख्यमंत्री होने का लाभ अरविंद केजरीवाल को नहीं दिया जा सकता। इस प्रकार से इस तरह की याचिका अवैध है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है।
हाई कोर्ट ने कहा कि सीएम केजरीवाल पूरी साजिश में लिप्त थे और उन्होंने घूस भी मांगी थी। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी में कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन भी नहीं हुआ है और ना ही उनकी गिरफ्तारी किसी तरह से अवैध है।