कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगों के मामले में नोटिस भेजा है। बता दें कि कोर्ट ने इन तीनों के अलावा कई अन्य राजनेताओं को भी नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़ा हुआ है। जिसमें अदालत ने पूछा है कि आखिर पक्षकार के तौर पर उनपर क्यों ना मुकदमा चलाया जाये।

इसके अलावा जिन अन्य लोगों को नोटिस जारी किया गया उनमें आप नेता मनीष सिसोदिया और अमानतुल्ला खान, एआईएमआईएम नेता वारिस पठान और अकबरुद्दीन ओवैसी, महमूद प्राचा, हर्ष मंदर और अभिनेत्री स्वरा भास्कर शामिल हैं।

वहीं इसी तरीके का नोटिस बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बीजेपी सांसद परवेश वर्मा, अभय वर्मा को भी भेजा गया है। इसको लेकर कोर्ट ने सभी लोगों से चार मार्च 2022 तक इसपर जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

बता दें कि अदालत ने इन सभी के खिलाफ भड़काऊ भाषण संबंधी FIR दर्ज कर इन्हें पक्षकार बनाने संबंधी सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने कार्रवाई करने के संबंध में इन सभी का जवाब मांगा है।

क्या है मामला: बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में शेख मुजतबा फारूक द्वारा दाखिल की गई याचिका में फरवरी 2020 में दंगे भड़काने की भूमिका को लेकर राजनेताओं सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है। गौरतलब है कि 2020 की 23 फरवरी से 26 फरवरी तक दिल्ली में दंगे हुए थे। इसमें 53 लोगों की जान गई थी।

वहीं इस दंगे में 581 लोग घायल हुए थे। बता दें कि दंगाइयों ने 24 और 25 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में जमकर उपद्रव किया था। इसको लेकर कुल 755 शिकायत दर्ज की गई थीं। बता दें कि जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और अनूप कुमार मेंदीरत्ता की बेंच ने 2020 में हुए दंगे से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई किया।