दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को उत्तरपूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों से जुड़े पांच मामलों में बुधवार को जमानत दी। हाई कोर्ट के जस्टिस अनीश दयाल की सिंगल जज बेंच ने हुसैन के लिए जमानत आदेश सुनाया। हालांकि, आप नेता अभी भी जेल में ही रहेंगे।

ताहिर हुसैन अभी भी हिरासत में रहेंगे क्योंकि उनके खिलाफ दंगों की बड़ी साजिश रचने सहित अन्य मामले दर्ज हैं, जिसमें उन पर कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन पर दंगा, आगजनी और आपराधिक साजिश सहित अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। हाई कोर्ट ने कहा कि जमानत कुछ शर्तों के अधीन दी गई है।

शर्तों के साथ मिली ताहिर हुसैन को जमानत

दंगे से जुड़े मामलों में ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस अनीश दयाल ने बुधवार को कहा कि सभी पांचों FIR में शर्त के साथ जमानत दी जाती है। पूर्व पार्षद के खिलाफ मामले फरवरी 2020 में हिंसा के दौरान कथित दंगे से जुड़े हैं। ये मामले हुसैन के घर की छत से दंगाई भीड़ द्वारा पथराव करने, पेट्रोल बम फेंकने और गोलियां चलाने से दो लोगों के घायल होने, हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन से संबंधित भी हैं।

दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश रचने का आरोप

ताहिर हुसैन के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने का भी मामला चल रहा है। ताहिर पर कार्यकर्ता शरजील इमाम और उमर खालिद के साथ दंगों की बड़ी साजिश रचने का भी आरोप है। संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों तथा इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को सांप्रदायिक झड़पें हुई थी। इनमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और करीब 700 लोग घायल हुए थे।

अक्टूबर 2022 में, दिल्ली की अदालत ने पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के एक मामले में पूर्व AAP पार्षद, उनके भाई शाह आलम और चार अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे। अदालत ने कहा था कि भीड़ के दिमाग में एक साफ उद्देश्य था कि हिंदुओं को मारो और नुकसान पहुंचाओ।