दिल्ली में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को उम्मीदवार बनाया है। ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया गया है। दिल्ली में फरवरी, 2022 में दंगे हुए थे। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में ताहिर हुसैन और 14 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ दंगे फैलाने और हिंसा करने के आरोप लगाए थे। दंगों में बतौर आरोपी नाम सामने आने पर आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को पार्टी से निलंबित कर दिया था। ताहिर हुसैन तब नगर निगम के पार्षद थे।

पुलिस ने बताया था दंगों का मास्टर माइंड

पुलिस की चार्जशीट में ताहिर हुसैन को दंगों का मास्टर माइंड बताया गया था। पुलिस ने चार्जशीट में कहा था कि हुसैन ने हिंसा भड़काई थी, दंगों की साजिश रची थी और दंगे कराने के लिए पैसे भी खर्च किए थे।

Manish Sisodia: AAP ने क्यों बदल दी मनीष सिसोदिया की सीट, जंगपुरा को ही क्यों चुना, क्या है केजरीवाल की रणनीति?

पुलिस ने कड़कड़डूमा अदालत में दाखिल चार्जशीट में कहा था कि उत्तरी दिल्ली के चांद बाग इलाक़े में हुए दंगे में ताहिर हुसैन की अहम भूमिका थी। हालांकि ताहिर हुसैन ने कहा था कि वह बेगुनाह है।

दो बार बड़े अंतर से जीती है आप

दिल्ली में विधानसभा के चुनाव अगले महीने होने हैं। आम आदमी पार्टी 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीत दर्ज कर चुकी है। 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी लेकिन तब यह सरकार सिर्फ 49 दिन ही चल सकी थी और केजरीवाल के इस्तीफा देने की वजह से गिर गई थी।

Arvind Kejriwal: केजरीवाल क्यों नहीं लड़ना चाहते कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली का विधानसभा चुनाव, यहां जानिए तीन बड़े कारण

दूसरी ओर, बीजेपी दिल्ली की सत्ता से अरविंद केजरीवाल को हटाना चाहती है। 2015 और 2020 के चुनाव में दिल्ली बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व ने भरसक कोशिश की। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित तमाम बड़े नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों के लिए धुआंधार चुनाव प्रचार किया था लेकिन पार्टी जीत दर्ज नहीं कर सकी थी।

दिल्ली में जीत के लिए BJP किस रणनीति पर काम कर रही है? क्लिक कर पढ़िए खबर।