दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, हालात ऐसे बन गए हैं कि लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है। कई इलाकों में AQI लेवल चिंताजनक स्तर तक जा पहुंचा है, ग्रैप का भी दूसरा चरण राजधानी में लागू चल रहा है। ऐसे में स्थिति विस्फोटक है, लेकिन इससे निजात अभी नहीं मिलने वाली। इससे उलट जानकार मानते हैं कि आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली की हवा और ज्यादा दमघोटूं बनने जा रही है।

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का असल कारण

एयर क्वॉलिटी अर्ली वार्निंग प्रोटेक्शन सिस्टम की रिपोर्ट कहती है कि अगले दो दिनों में दिल्ली में पराली का जहर पांच गुना तक बढ़ सकता है। वहीं कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर सात गुना तक जा सकता है। अगर ऐसी स्थिति बन जाती है तो सांस लेना तो मुश्किल होगा ही, कई बीमार लोगों की जान पर भी खतरा बन सकता है। जानकार बताते हैं कि इस समय बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवात बन रहा है, उस वजह से हवा की दिशा पूरी तरह बदल चुकी है। माना जा रहा है कि उसी वजह से पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब में जलने वाली पराली का धुआं दिल्ली की हवा में घुलने जा रहा है।

Live: दिल्ली-एनसीआर के कई क्षेत्रों में AQI 300 के पार

पराली ने कैसे बदली दिल्ली की फिजा?

आंकड़े बताते हैं कि कुछ दिन पहले तक दिल्ली में पराली का धुंआ 3.5 फीसदी दर्ज किया गया था, लेकिन बदली हवाओं की वजह से यह आंकड़ा 24 अक्टूबर तक 15.12 फीसदी जा सकता है। इसी तरह कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर 25 अक्टूबर तक 28 फीसदी से भी ज्यादा जा सकता है। ऐसे में हालात और ज्यादा बिगड़ने वाले हैं और लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

पराली क्यों मानी जाती है इतनी खतरनाक?

अब पराली का धुआं इतना खतरनाक इसलिए माना जाता है क्योंकि मात्र एक मीट्रिक टन पराली जलाने से लगभग 3 किलो पार्टीकुलेट मैटर, दो किलो सल्फर डाई ऑक्साइड, 60 किलो कार्बन मोनो ऑक्साइड और 1460 किलो कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है। अब यहां तक पराली उससे कही अधिक जल रही है, ऐसे में हवा में जहर भी उतना ज्यादा ही घुल रहा है।

एक चक्रवात ने दिल्ली को क्यों किया परेशान?

दैनिक जागरण से बात करते हुए मौसम वैज्ञानिक समरजीत चौधरी ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात की वजह से हवाओं का रुख बदल गया है। उसी वजह से भारत में वर्तमान में पश्चिमी हवाएं ज्यादा चल रही हैं। इसी वजह से पंजाब और हरियाणा का पराली वाला धुंआ दिल्ली की ओर बढ़ चला है। इसके ऊपर उस हवा की रफ्तरा भी काफी धीमी है, ऐसे में जो भी धुंआ आसमान में बन भी रहा है, वो ज्यादा देर तक वहां टिक रहा है। आने वाले दिनों में भी हवा की रफ्तार में कोई तेजी का अनुमान नहीं है, ऐसे में प्रदूषण भी ज्यादा ही रहने वाला है।