दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में कुछ दिनों पहले हुए बवाल की अब जांच चल रही है। पुलिस ने माना है कि इस बवाल के पीछे कुछ असामाजिक तत्वों का भी हाथ हो सकता है। अब एडिशनल डीसीपी (साउथ ईस्ट) ने इस पूरे मामले पर कहा है कि ‘मैंने खुद देखा है कि कुछ प्रदर्शनकारी गीले कंबल लेकर वहां मौजूद थे और आंसू गैस के प्रभाव को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे थे। ऐसा नहीं लगता कि यह घटना अचानक हुई थी बल्कि यह पूरी प्लानिंग के साथ की गई थी…मामले की जांच जारी है।’
इधर खबर यह भी है कि जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा से संबंधित एक रिपोर्ट भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हिंसा के पीछे कुछ संगठित समूहों का हाथ हो सकता है। कहा यह भी जा रहा है कि इस घटना में 40-50 बाहरी लोगों के शामिल होने की खबर आ रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस को निशाना बनाया था। करीब साढ़े तीन हजार लोग प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने फायरिंग की।
यहां आपको बता दें कि बीते 15 दिसंबर को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में जमकर बवाल हुआ था। इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने 10 युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि पकड़े गए लोगों में से 3 लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड है। यह भी पता चला है कि पकड़े गए लोगों में से कोई भी जामिया का छात्र या छात्रा नहीं हैं।
जामिया में भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दो केस दर्ज किए थे। पहला केस न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और दूसरा मामला जामिया नगर थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस ने आगजनी, दंगा फैलाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के तहत केस दर्ज किया है।
इधर जामिया में हुई घटना को लेकर सीबीआई से जांच की मांग भी की गई है। सीएए प्रदर्शनकारियों पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कई जगह पर घटनाएं हुई हैं, इन मामलों में एक जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को हाई कोर्ट जाने को कहा है।