ToolKit केसः टूलकिट मामले में गिरफ्तार की गईं दिशा रवि ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जांच से जुड़ी जानकारी, उनके निजी चैट किसी तीसरे पक्ष को उपलब्ध न कराने की अपील की है। दिशा ने कहा है कि जांच से जुड़ी जानकारी मीडिया में लीक न करने के संबंध में पुलिस को निर्देश दिया जाए। मीडिया को भी उनके निजी चैट प्रकाशित करने से भी रोका जाए। उनकी याचिका पर कोर्ट ने NBSA (न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी) के साथ 2 मीडिया हाउस को नोटिस भेजा है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी।

दिशा ने अपने वकील अभिनव सेखरी के जरिए यह याचिका दाखिल की थी। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनके केस से संबंधित कोई जानकारी मीडिया में लीक नहीं की है। ध्यान रहे कि जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज’ की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था। मुंबई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु मुलुक को कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है। उधर, इससे पहले मंगलवार को दिशा के आवेदन पर कोर्ट ने उन्हें वकील करने, अपने परिजनों से बात करने की अनुमति दी थी।

टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस की जांच नित नए रंग लेती जा रही है। पुलिस ने पहले एक नए किरदार पीटर फैड्रिक के नाम का खुलासा किया था। अब दिल्ली पुलिस को पता चला है कि 20 जनवरी को टूलकिट का ड्राफ्ट फाइनल हो गया था। 23 जनवरी को ड्राफ्ट की फाइनल कॉपी निकिता के पास आई थी। इससे पहले कई बार जूम पर इन लोगों ने मीटिंग की थी। पुलिस ने मैरिना पेटरसन नामक एक महिला के नाम का खुलासा किया है। UK में रहने वाली यह महिला पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़ी हुई है। टूलकिट ड्राफ्ट कराने में इसकी भी भूमिका सामने आई है।

मामले में एक अन्य महिला थिलाका का भी नाम सामने आया है। वह एक्सआर नामक एनजीओ से जुड़ी होने के अलावा पीजेएफ की पुनीत की करीबी है। पुलिस का कहना है कि नवंबर के आखिरी सप्ताह में किसान आंदोलन की शुरुआत होते ही टूलकिट के निर्माण की प्लानिंग शुरू हो गई थी। इसके लिए पीजेएफ की पुनीत ने फ्राईडे फॉर फ्यूचर संस्था के साथ काम करने वाली निकिता और दिशा का पता लगाया।

शांतनु इनके साथ एक्सआर एनजीओ से जुड़ा था। टूलकिट तैयार करने के लिए एक दिसंबर को पुनीत ने इंस्टाग्राम के जरिये तीनों से संपर्क किया। इसके बाद दिशा ने 6 दिसंबर को एक व्हाट्सऐप ग्रुप बना लिया। सभी एक दूसरे से जुड़े रहे और टूलकिट के बारे में बातचीत करते रहे। पुलिस ने दिशा रवि को पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग से हुई चैट के आधार पर हिरासत में लिया था।