डॉ. जावेद अली ने मार्च से लेकर जून तक दक्षिणी दिल्ली के छत्तरपुर के क्वारंटीन सेंटर, राधा स्वामी कोविड केयर सेंटर और दिल्ली के पुष्प विहार सीरो सर्विलांस सेंटर पर ड्यूटी की थी। इसी दौरान जून में वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वायरस के संक्रमण से तीन हफ्ते तक जूझने के बाद डॉ. अली ने सोमवार सुबह एम्स ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया। डॉ. अली दिल्ली सरकार के नेशनल हेल्थ मिशन में डॉक्टर थे और फिलहाल कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे थे।

डॉ. अली अपने पीछे पत्नी डॉ. हीना और दो बच्चों को छोड़कर गए हैं। डॉ. हीना ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ‘वह एक समर्पित डॉक्टर थे और उन्होंने मार्च से कोई छुट्टी नहीं ली थी। यहां तक कि वह ईद पर भी ड्यूटी पर थे।’ डॉ. हीना ने बताया कि बीते 10 दिनों से वह वेंटिलेटर पर थे। मुझे और मेरे बच्चों को उन्हें आखिरी बार देखने भी नहीं दिया गया।

उत्तर प्रदेश के चंदौसी के रहने वाले डॉ. जावेद अली ने रूस की स्टेट मेडिकल एकेडमी से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। डॉ. अली ने साल 2011 में नेशनल हेल्थ मिशन में नौकरी शुरू की थी और कोरोना संक्रमण फैलने से पहले वह दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार में स्थित डिस्पेंसरी में तैनात थे।

एनएचएम के साथी डॉ. धीरज बताते हैं कि वह 24 जून को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और 26 जून को उन्होंने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हालत बिगड़ने पर उन्हें लोकनायक अस्पताल और फिर एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करना पड़ा। एम्स में ही इलाज के दौरान डॉ. अली ने दम तोड़ दिया।

डॉ अली की पत्नी को अभी तक सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। डॉ. हीना का कहना है कि लोगों का इलाज करना हमारी जिम्मेदारी है लेकिन हमारी सुरक्षा का क्या? अब कौन उसके बच्चों की शिक्षा में मदद करेगा? सरकार को स्वास्थ्यकर्मियों और उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

नेशनल हेल्थ मिशन की अध्यक्ष डॉ. अल्का चौधरी ने डॉ. जावेद अली के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलवाने के लिए दिल्ली सरकार को पत्र भी लिखा है। पत्र में कहा गया है कि नेशनल हेल्थ मिशन के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य सभी कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा मिले। वहीं दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि डॉक्टर की मौत काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। परिजनों को आर्थिक मदद दी जाएगी और जल्द ही इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे।