दुनिया भर में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है। इसका प्रभाव खासकर भारत और पाकिस्तान जैसे देशों देखने को मिल रहा है। स्थिति ऐसी हो गई है कि प्रदूषण की वजह से लोगों की आयु अब कम होने लगी है। साल 2014 के विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 20 शहरों में से 13 भारत के हैं। जबकि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के 4 शहर भी इस सूची में है। इस रिपोर्ट में इस बात को लेकर भी दावा किया गया है कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से भारत में अनुमानित 5.2 वर्ष जीवन प्रत्याशा में कमी आ रही है।
भारत दुनिया का पांचवां सबसे प्रदूषित देश हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वार्षिक PM 2.5 दिशा निर्देश मान 5 μg/m3 से 10 गुना अधिक है। 2023 में, यह तीसरा सबसे प्रदूषित देश था। वर्तमान में भारत का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 50.6 μg/m3 है। हैरान करने वाली बात ये है कि देश की राजधानी दिल्ली लगातार छठी बार विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है।
ये हैं भारत के प्रदूषित शहर
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं। असम-मेघालय बॉर्डर पर स्थित बर्नीहाट दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। भारत में स्थित अन्य शहरों में फरीदाबाद, लोनी (गाजियाबाद), मुल्लांपुर, गुड़गांव, ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी, नोएडा, मुजफ्फरनगर, हनुमानगढ़, गंगानगर, नई दिल्ली (मध्य दिल्ली) और दिल्ली (बाकी शहरों से औसत लेते हुए) शामिल हैं।
आखिर सरकार ने माना, ताजमहल में हो रहा रिसाव, मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- मंत्रालय संवेदनशील
इस रिपोर्ट में 138 देशों के 8 हजार से ज्यादा स्थानों पर 40 हजार से अधिक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों से डेटा लिया गया है। इसका विश्लेषण AQI की वायु गुणवत्ता वैज्ञानिकों द्वारा की गई है। इस रिपोर्ट में ये बताया गया है कि राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पहले से कुछ सुधरा है लेकिन एनसीआर का इलाका अभी भी देश का सबसे प्रदूषित क्षेत्र हैं।
एक हेल्थ स्टडी के अनुसार साल 2009 से 2019 तक होने वाली 15 लाख मौतें का मुख्य कारण प्रदूषण के संपर्क में ज्यादा रहना था। PM 2.5 प्रदूषण का प्रभाव रहा। इसका अर्थ है कि प्रदूषित हवा सीधे तौर पर फेफड़ों को प्रभावित करते हुए। जिसके वजह से सांस की समस्याएं होती हैं। इसके वजह से बीमारियों के साथ-साथ कैंसर तक की समस्या के लक्षण मिल जाते हैं।