उत्तर और दक्षिण दिल्ली में रहने वाले लाखों लोगों के लिए आने वाला साल बड़ी राहत लेकर आने वाला है। दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण (Phase-IV) के तीन मुख्य रास्तों को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही, 82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) भी पूरी तरह शुरू हो जाएगा। इससे दिल्ली और मेरठ के बीच का सफर सिर्फ 55 मिनट का रह जाएगा और दूसरे राज्यों में आने-जाने वाले लोगों का सफर बहुत आसान हो जाएगा।

मेट्रो के तीन मुख्य कॉरिडोर पर काम तेज

दिल्ली मेट्रो (DMRC) के चौथे चरण में कुल छह कॉरिडोर बन रहे हैं। इनमें से पिंक, मैजेंटा और गोल्डन लाइन को प्राथमिकता दी गई है:

पिंक लाइन (मजलिस पार्क से मौजपुर): करीब 72 किलोमीटर का पिंक लाइन नेटवर्क भारत की पहली पूरी ‘सर्कुलर लाइन’ और दिल्ली का सबसे बड़ा सिंगल मेट्रो कॉरिडोर है। अधिकारियों के मुताबिक, मजलिस पार्क से मौजपुर के बीच का 12 किलोमीटर लंबा हिस्सा (8 स्टेशन) जल्द ही शुरू हो सकता है। इससे बुराड़ी, जगतपुर गांव और झरोदा माजरा जैसे घनी आबादी वाले इलाकों के लोगों को बहुत फायदा होगा।

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मैजेंटा लाइन (कृष्णा पार्क से आरके आश्रम): मैजेंटा लाइन का 27 किलोमीटर का हिस्सा पश्चिमी दिल्ली के कृष्णा पार्क एक्सटेंशन से सेंट्रल दिल्ली के आरके आश्रम तक जाएगा। इसमें कुल 21 स्टेशन होंगे, जो मंगोलपुरी और पीरागढ़ी जैसे इलाकों को सीधा शहर के केंद्र से जोड़ेंगे। इस लाइन का एक छोटा हिस्सा (जनकपुरी पश्चिम से कृष्णा पार्क) इसी साल जनवरी में शुरू हो चुका है। अब दीपाली चौक से मजलिस पार्क के बीच का 10 किलोमीटर का हिस्सा जल्द खुलने की उम्मीद है। बाकी काम 2026 के अंत तक पूरा होगा।

गोल्डन लाइन (एयरोसिटी से तुगलकाबाद): दक्षिण दिल्ली वालों के लिए यह लाइन किसी वरदान से कम नहीं होगी। 15 स्टेशनों वाली यह लाइन 2026 के अंत तक शुरू हो सकती है, जो महिपालपुर, वसंत कुंज, छतरपुर और संगम विहार जैसे इलाकों को जोड़ेगी। इसके अलावा, साकेत से लाजपत नगर को जोड़ने वाले एक और नए कॉरिडोर का काम इसी महीने शुरू हुआ है, जो 2029 तक पूरा हो जाएगा।

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दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल: 2026 में पूरा सफर होगा मुमकिन

मेरठ अब दिल्ली के और भी करीब आने वाला है। नमो भारत (RRTS) ट्रेन 2026 में अपने पूरे रूट पर दौड़ने लगेगी।

मौजूदा स्थिति: फिलहाल, न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का 55 किलोमीटर का हिस्सा चालू है।
बाकी रूट: सराय काले खां से न्यू अशोक नगर और मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक का बचा हुआ 27 किलोमीटर का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। जून में पूरे 82 किलोमीटर के रूट पर ट्रायल सफल रहा था।
असर: अभी रोजाना 60,000 लोग इसमें सफर कर रहे हैं। पूरे रूट के खुलने के बाद उम्मीद है कि सड़कों से करीब एक लाख कारें कम हो जाएंगी।

भविष्य की योजनाएं: गुरुग्राम और पानीपत की बारी

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में बताया कि 93 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गुरुग्राम-बावल कॉरिडोर पर भी जल्द काम शुरू होगा। वहीं, 136 किलोमीटर लंबे दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर के लिए कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलते ही इसका काम शुरू होगा और इसे पूरा होने में करीब 5 से 6 साल लगेंगे।