दिल्ली शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कथित शराब घोटाले मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मंजूरी ले ली है। सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की राउज एवेन्यू अदालत में शुक्रवार को अभियोजन मंजूरी जमा कर दी है। अब मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त (मंगलवार) को होगी।
मार्च से न्यायिक हिरासत में हैं केजरीवाल
एक बार जब अदालत सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान ले लेती है, जिसमें केजरीवाल को आरोपी के रूप में नामित किया गया है, तो केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। शराब नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तारी के बाद वह मार्च से न्यायिक हिरासत में हैं।
26 जून को सीबीआई ने उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया, जिसकी वह अलग से जांच कर रही है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी और सीबीआई को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए 28 जुलाई को उपराज्यपाल सचिवालय से संपर्क किया था। हालांकि मंजूरी इसी महीने दी गई है।
‘शराब नीति से जुड़े फैसले केजरीवाल के आदेश पर लिए गए…’, CBI ने अपने हलफनामे में किया बड़ा दावा
सीएम केजरीवाल को शराब नीति से संबंधित मामलों में सीबीआई और ईडी दोनों द्वारा दायर चार्जशीट में एक आरोपी के रूप में नामित किया गया है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया है। जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि केजरीवाल शराब नीति के निर्माण में सीधे तौर पर शामिल थे, जिसे ‘साउथ ग्रुप’ को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था। केजरीवाल को ईडी के कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
सीबीआई का बड़ा दावा
बता दें कि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि शराब नीति के निर्माण में सभी महत्वपूर्ण निर्णय केजरीवाल के आदेश पर लिए गए थे। सीबीआई ने कहा कि शराब घोटाले में उनकी संलिप्तता की ओर इशारा करने वाले पर्याप्त सबूत हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले को लेकर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाबी हलफनामा दायर किया है।