Arvind Kejriwal Arrest: जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई सुनवाई जारी है। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और 22 मार्च को ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड के आदेश को चुनौती दी थी। केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीले दे रहे हैं। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय का पक्ष एडिशनल सॉलिसिटर एसवी राजू रख रहे हैं। हाईकोर्ट में दायर याचिका में केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को अवैध बताया था।
केजरीवाल के वकील का कहना है कि आम आदमी पार्टी के नेता और सीएम केजरीवाल को अपनी पार्टी के उम्मीदवारों का प्रचार करने से रोकने की साजिश की जा रही है। केजरीवाल के वकील ने आठ पॉइंट उठाए हैं और तर्क दिया है कि केजरीवाल को चुनाव प्रक्रिया से दूर रखने के लिए साजिश रची गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तारी से पहले पीएमएलए कानून के तहत सेक्शन 50 की शर्तों को पूरा नहीं किया है। ईडी अभी तक मनी ट्रेल के बारे में भी पता नहीं लगा पाई है। ना ही केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत जुटा पाई है। सिर्फ सरकारी गवाहों के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि नवंबर में समन दिया गया और मार्च में गिरफ्तार कर लिया गया।
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि बिना किसी पूछताछ, बयान आदि के आप गिरफ्तारी कर रहे हैं। यह बेहद ही अजीब बात है। इस मामले में चुनाव से पहले गिरफ्तारी करके पार्टी को खत्म करने की कोशिश की गई है। गिरफ्तारी की टाइमिंग ही ईडी की मंशा पर सवाल उठाने के लिए पर्याप्त है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय दोनों के मामले साल 2022 के है। पीएमएलए के तहत गिरफ्तारी के लायक कोई भी सबूत मौजूद नहीं है। ईडी ने बिना किसी बयान दर्ज किए केस में गिरफ्तारी की है।
ईडी ने सीएम की याचिका का किया था विरोध
प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की याचिका सुनने के योग्य नहीं है। साथ ही, जांच एजेंसी ने केजरीवाल पर कई आरोप लगाए। ईडी ने अपने एफिडेविट में केजरीवाल को शराब घोटाले का किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता बताया है। पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के जरिये अपराध को अंजाम दिया है।
ईडी ने हलफनामे में क्या कहा
हाईकोर्ट को दिए जवाब में ईडी ने कहा कि शराब नीति का मसौदा साउथ ग्रुप को दिए जाने वाले मुनाफे को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया। इसे विजय नायर मनीष सिसोदिया और साउथ ग्रुप के सदस्यों के प्रतिनिधियों ने मिलीभगत से मिलकर तैयार किया था। जांच एजेंसी ने कहा कि आप दिल्ली शराब घोटाले की प्रमुख लाभकर्ता है। केजरीवाल ना सिर्फ पार्टी के पीछ का दिमाग थे और हैं, बल्कि वह इसकी गतिविधियों पर भी नियंत्रण रखते थे। केजरीवाल शराब नीति को फैसला लेने वालों में भी शामिल थे। यह बात गवाहों के बयानों से साफ हो जाती है।