Delhi Excise Policy Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया है। आप नेता ने अपनी जमानत की शर्तों में ढील देने की मांग की है। इसके तहत उन्हें हर हफ्ते में दो बार जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने यह मामले की सुनवाई दो हफ्ते के बाद में तय की है।

जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने सिसोदिया की याचिका पर सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दो हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सिसोदिया की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिघंवी ने कहा, ‘वह एक सम्मानित व्यक्ति हैं। वह पहले ही 60 बार पेश हो चुके हैं। किसी अन्य आरोपी के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है।’

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सुप्रीम कोर्ट से सिसोदिया को किन आधार पर मिली थी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अगस्त के महीने में मनीष सिसोदिया को सीबीआई और ईडी के मामले में जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता को कई शर्तों के आधार पर जमानत दी थी। इसमें 10,00,000 रुपये की राशि के लिए जमानत बांड, पना पासपोर्ट जमा कराना होगा और हर एक सोमवार और गुरुवार को सुबह 10-11 बजे के बीच जांच अधिकारी को रिपोर्ट करना होगा।

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किस मामले बंद थे मनीष सिसोदिया

दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में आप नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया गया था। इसके बाद 9 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने भी सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। सिसोदिया पर आरोप था कि आबकारी मंत्री रहते हुए उन्होंने एकतरफा फैसला लिया। शराब घोटाले के आरोपी अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को आप नेता का काफी खास माना जाता है। आरोप है कि इन तीनों ने सरकारी अधिकारियों की मदद से शराब कारोबारियों का पैसा जमा किया और दूसरी जगह पर डायवर्ट किया। सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, अर्जुन पांडे ने शराब व्यावसायी समीर महेंद्रू से दो से चार करोड़ रुपये लिए थे। यह रकम विजय नायर की तरफ से ली गई थी। विजय नायर कुछ सालों तक आप के कम्युनिकेशन इंचार्ज रहे हैं।