दीपावली का त्योहार नजदीक है। दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को पटाखों से जुड़ी एक याचिका पर बेहद सख्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि वह प्रदूषण वाले हालातों में राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री की अनुमति नहीं दे सकता। दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा यह टिप्पणी  ‘दिल्ली फायरवर्क्स शॉपकीपर्स एसोसिएशन’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए की गई।

‘दिल्ली फायरवर्क्स शॉपकीपर्स एसोसिएशन’ व्यापारियों का एक ग्रुप है। इस ग्रुप के पास पटाखे रखने और बेचने का “परमानेंट” लाइसेंस है। याचिका दाखिल करने वाले ग्रुप के वकील ने कहा कि व्यापारियों की शिकायत पटाखों के स्टोरेज पर बैन के संबंध में थी क्योंकि इससे कथित तौर पर उत्पीड़न हो रहा था।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वो प्रशासन से व्यापारियों द्वारा स्टोरेज के लिए इस्तेमाल किए जा रहे परिसर को सील करने के लिए कहेगा ताकी यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई चोरी न हो। जस्टिस संजीव नरूला ने कहा कि राज्य को सीलिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए ताकि कोई चोरी न हो। उन्होंने कहा कि हम आपको बेचने की इजाजत नहीं देने जा रहे। इस शहर में बहुत प्रदूषण है।

सुनवाई के दौरान व्यापारियों के वकील ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान याचिका दाखिल करने वालों के वकील ने कहा कि अभी ग्रुप के सदस्यों द्वारा पटाखे नहीं बेचे गए हैं लेकिन बैन के ऑर्डर के बाद से ही पुलिस उनसे सवाल कर रही है कि उन्होंने पटाखे क्यों स्टोर किए हैं।

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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता द्वारा उद्धृत एक मामले में किसी व्यक्ति पर पटाखे बेचने का आरोप था और कहा कि जो कोई भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हम आपके लिए कोई अपवाद नहीं बना सकते। अगर आप उन्हें स्टोर करते हैं, तो (दुरुपयोग) की संभावना है। हम सील लगा देंगे। इसकी वीडियोग्राफी की जाएगी।

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार की तरफ से 14 सितंबर को दिल्ली शहर में एक जनवरी तक हर तरह के पटाखों के स्टोरेज, सेल और इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया था। यह ऐलान करते समय दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली के लोगों से वायु प्रदूषण कम करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों का समर्थन करने की अपील की।