Delhi High Court: पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव की ओर से कुछ दिन पहले रूह अफजा को लेकर दिए गए बयान पर दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जोरदार फटकार लगाई है। जस्टिस अमित बंसल ने मंगलवार को मामले में सुनवाई करते हुए कहा, “इससे अदालत की अंतरात्मा को झटका लगा है। इसे माफ नहीं किया जा सकता।” इस मामले में पतंजलि और रामदेव के खिलाफ हमदर्द की ओर से मुकदमा दायर किया गया है। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस अमित बंसल ने सख्त आदेश देने की चेतावनी दी।

याद दिलाना होगा कि बाबा रामदेव ने 3 अप्रैल को अपनी कंपनी पतंजलि का प्रोडक्ट गुलाब शरबत लॉन्च किया था और इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए हमदर्द के पेय रूह अफजा पर निशाना साधा था। रामदेव ने दावा किया था कि यह कंपनी अपने पैसे का इस्तेमाल मस्जिद और मदरसे बनाने के लिए कर रही है। रामदेव के बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में और सोशल मीडिया पर जोरदार प्रतिक्रिया देखने को मिली थी।

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दिग्विजय सिंह ने दर्ज कराई थी शिकायत

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने पिछले सप्ताह भोपाल में रामदेव के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने रामदेव पर धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।

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नफरत फैलाने वाले भाषण जैसा है- रोहतगी

इस मामले में हमदर्द की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी की अदालत में पेश हुए। मुकुल रोहतगी ने हाईकोर्ट को बताया कि रामदेव लगातार हमदर्द के खिलाफ बोल रहे हैं और कंपनी के मालिकों के धर्म पर हमला कर रहे हैं। रोहतगी ने कहा, “यह चौंकाने वाला और यह सांप्रदायिक बंटवारा करने का मामला है और नफरत फैलाने वाले भाषण जैसा है।” रोहतगी ने कहा कि देश में पहले से ही बहुत सारी समस्याएं हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि रामदेव ने एक अन्य कंपनी हिमालय पर भी हमला किया था क्योंकि उसके मालिक भी मुस्लिम समुदाय से हैं।

रोहतगी ने कोर्ट को यह भी बताया कि रामदेव को पहले भी एलोपैथी को निशाना बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से फटकार पड़ी थी। रोहतगी ने स्वीकार किया कि तब वे “गलत पक्ष” में खड़े हो गए थे।