दिल्ली सरकार ने यमुना को साफ करने, वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने और कूड़े के ढेर को हटाने के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू किए हैं। इसके तहत, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को राज निवास में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उद्योगों से अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) पहल के तहत एक कॉर्पस फंड स्थापित करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के बयान के अनुसार, भाजपा सरकार पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए प्रभावी समाधान विकसित करने हेतु उद्योग और कॉर्पोरेट क्षेत्र के साथ सहयोग करने की योजना बना रही है। सीएमओ ने कहा, “मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यमुना को स्वच्छ और निर्मल रखना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
“यमुना और दिल्ली का पुनरुद्धार – एक सीएसआर संवाद” शीर्षक वाले कार्यक्रम में गुप्ता ने उद्योगों को दिल्ली के पर्यावरण को पोषित करने में मदद करने के लिए अपने सीएसआर कार्यक्रमों के तहत वृक्षारोपण अभियान चलाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस संवाद की अध्यक्षता दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, सीएम रेखा गुप्ता और जल संसाधन मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने की। इस कार्यक्रम में कॉर्पोरेट क्षेत्र और उद्योग निकायों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
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मीटिंग में पेश किया गया रोडमैप
सीएम रेखा गुप्ता ने आश्वासन दिया कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) उद्योगों को उन परियोजनाओं की सूची उपलब्ध कराएगा, जहां सीएसआर निधि का सीधे उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि उनका प्रशासन नदी को उसके मूल प्राचीन स्वरूप में पुनर्स्थापित करना चाहता है जिसकी दिल्ली के लोग भी कामना करते हैं।” अधिकारियों ने बताया कि डीजेबी ने एक रोडमैप प्रस्तुत किया है जिसमें उन क्षेत्रों की रूपरेखा दी गई है जहां उद्योग से जुड़े लोगों के साथ साझेदारी स्थापित की जा सकती है।
यमुना की सफाई के लिए कदम उठा रही दिल्ली सरकार
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इन मुद्दों के समाधान के लिए हर संभव कदम उठा रही है लेकिन सफलता तभी मिलेगी जब समाज के सभी वर्ग, विशेषकर कॉर्पोरेट क्षेत्र, सीएसआर के माध्यम से योगदान देंगे। सरकार ने उद्योगों से नालों को अपनाने और छोटे सीवेज उपचार संयंत्र स्थापित करने की भी अपील की ताकि यमुना में अपशिष्ट प्रवाह को कम किया जा सके।
सीएमओ ने आगे कहा कि डीजेबी, उद्योग संगठन और अन्य संबंधित विभाग इन चुनौतियों से निपटने के लिए समयबद्ध लक्ष्यों और विशिष्ट परिणामों के साथ एक ठोस कार्य योजना तैयार करने के लिए अतिरिक्त विचार-विमर्श करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि कार्ययोजना तैयार होने के बाद इसी तरह की एक और उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी।
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