दिल्ली सरकार ने हाल ही में द्वारका कोर्ट के एक जज को बर्खास्त किया है। सरकार ने यह कदम सोशल मीडिया पर जज का एक वीडियो वायरल होने के बाद उठाया है जिसमें वह कुर्सी पर खड़े होकर चिल्लाते दिखाई दे रहे हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा द्वारका जिला न्यायाधीश अमन प्रताप सिंह की सेवा समाप्ति की सिफारिश के कुछ हफ्ते बाद , विधि, न्याय एवं विधायी कार्य विभाग ने 10 अक्टूबर को उनकी सेवा समाप्ति की अधिसूचना जारी कर दी।

अधिसूचना में कहा गया है, “दिल्ली उच्चतर न्यायिक सेवा नियम, 1970 के संशोधित प्रावधानों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली उच्च न्यायालय के परामर्श से, अमन प्रताप सिंह जो वर्तमान में प्रोबेशन पर हैं, उनकी सेवाओं को दिल्ली उच्चतर न्यायिक सेवा से तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हैं।”

कुर्सी पर खड़े होकर कोर्ट स्टाफ और वकील पर चिल्ला रहे थे जज

जज अमन सिंह पिछले जून से द्वारका कोर्ट में सेवारत थे। उन्हें सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद प्रोबेशन पर रखा गया था। वीडियो में उन्हें अपनी कुर्सी पर खड़े होकर कोर्ट स्टाफ और एक आरोपी के वकील पर चिल्लाते हुए दिखाया गया था। 19 सितंबर को हाई कोर्ट ने अमन सिंह की सेवा समाप्ति का निर्देश दिया था।

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जज अमन सिंह को पिछले साल मई में दिल्ली में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा के माध्यम से प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को सीधे जिला न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है।

वकीलों ने CJI चंद्रचूड़ से कर दी जजों की शिकायत

मद्रास हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन, तमिलनाडु बार एसोसिएशन और पुडुचेरी बार एसोसिएशन ने सीजेआई चंद्रचूड़ को एक चिट्ठी लिखकर कहा कि वकीलों के साथ भी सम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल होना चाहिए। साथ ही कहा कि जो जज खुद को वकील से ज्यादा बड़ा मानते हैं, उन पर चिल्लाते हैं, इस प्रकार के व्यवहार पर रोक लगनी चाहिए।

बार एसोसिएशन ने कहा है कि वकील और जज न्याय प्रशासन में एक समान अधिकार और हिस्सेदारी रखते हैं फिर भी कुछ जजों को ऐसी गलतफहमी हो गई है कि वकील उनके अधीन आते हैं। ऐसे में वो सुनवाई के दौरान वकीलों पर चिल्लाते हैं, गलत भाषा में उनसे बात करते हैं। कई मौकों पर उन्हें कमतर भी आंकते हैं। उनके द्वारा शिष्टाचार का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है।

(इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस)