दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर परिवहन और स्वास्थ्य मंत्री डा. पंकज कुमार सिंह ने प्रेस कान्फ्रेंस पर पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सब्सिडी देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। अगर पूर्व सरकार ईवी पर सब्सिडी देती तो इलेक्ट्रिक व्हीकलों की पंजीकरण संख्या में इजाफा होता। पूर्व सरकार के कार्यकाल में पिछले वर्ष यह ईवी पंजीकरण का आंकड़ा 80 हजार के आसपास था लेकिन फरवरी में हमारी सरकार आने के बाद अब यह आंकड़ा एक लाख वाहनों के पंजीकरण को पार कर गया है।
परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने आगे कहा कि अगर पूर्ववर्ती सरकार ईवी वाहनों की सब्सिडी को आसान बनाती तो यह संख्या तेजी के साथ बढ़ती। दिल्ली में वाहनों से होने वाला प्रदूषण 25 से 30 फीसद है। इस वाहन प्रदूषण को कम और खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है और लगातार इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- ‘अच्छा होगा कि मुख्यमंत्री….’, हिजाब विवाद पर बसपा सुप्रीमो मायावती की नीतीश कुमार को सलाह
उन्होंने कहा कि ईवी पॉलिसी दिल्ली के लिए लेकर आ रहे है। इससे दिल्ली को लाभ मिलेगा और साफ सुथरी दिल्ली बनेगी। भाजपा सरकार आने के बाद 3518 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अगले वर्ष मार्च तक 5000 और नवंबर माह तक 7000 से ज्यादा बसें इलेक्ट्रिक बसें लाने का लक्ष्य है। पिछली सरकार ने प्रदूषण की बुरी हालत में दिल्ली को छोड़ा है। सभी नीतियों को जमीनी स्तर पर लाकर काम कर रहे हैं। तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा लोगों ने अपने वाहनों की प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। अकेले 19 दिसंबर को 40 हजार पीयूसी जारी किए गए हैं। बीएस-6 से नीचे के वाहनों का दिल्ली में बिल्कुल प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली के अंदर प्रतिबंधित होने के बाद भी प्रवेश करने वालों के चालान काटे गए हैं। इनमें 17 दिसंबर को 283 के चालान काटे गए। इसके अलावा 18 दिसंबर को 300 और 19 दिसंबर को 775 के चालान काटे गए। एंड ऑफ लाइफ व्हीकल पर सुप्रीम कोर्ट आदेश को पालन करेंगे।
यह भी पढ़ें- कहां गायब है नोएडा-गाजियाबाद? कोहरे के प्रकोप में दिल्ली-NCR; यहां टूटा 14 साल का रिकॉर्ड
