दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी जारी कर बताया है कि अब दिल्ली के सरकारी और निजी स्कूल में स्टूडेंट मोबाइल फोन लेकर नहीं जा सकते है। साथ ही शिक्षकों को भी स्कूल परिसर में मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत दी गई है। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में मोबाइल फोन स्कूल में लाने के कारण 9वीं क्लास की छात्रा की मौत के बाद से ही स्कूल में मोबाइल फोन लेकर जाने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को एडवायजरी जारी की है। एडवाइजरी में सरकारी और प्राइवेट स्कूल में विद्यार्थियों के स्कूल परिसर में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
दिल्ली निदेशालय ने एडवाइजरी में कहा है कि अभिभावक यह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे स्कूल में मोबाइल फोन लेकर नहीं जाए। अगर बच्चे स्कूल में मोबाइल लेकर आते हैं तो स्कूल प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि उसे जब्त कर किसी लॉकर में सुरक्षित रखा जाए। मोबाइल को सुरक्षित रखने के लिए सिस्टम भी बनाया जाए। एडवाइजरी में कहा गया है कि शिक्षक और स्टाफ क्लास रूम, प्लेग्राउंड, प्रयोगशाला और लाइब्रेरी में मोबाइल फोन के इस्तेमाल से बचें। दिल्ली निदेशालय ने कहा है कि छात्रों से जब्त किया गया मोबाइल फोन छुट्टी होने के बाद उन्हें लौटा दिया जाना चाहिए। एडवाइजरी में स्कूल प्रशासन से कहा गया है कि इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी की जाए। ताकि आपात परिस्थिति में अभिभावक और छात्र स्कूल से संपर्क साध सके। यह एडवाइजरी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगी।
उत्तर प्रदेश का क्या है मामला?
28 जुलाई को दो शिक्षक ने स्कूल में चैकिंग के दौरान एक 9वीं क्लास की छात्रा के बैग से मोबाइल फोन जब्त किया गया था। छात्रा ने तब बताया कि यह उसका मोबाइल नहीं है। दो दिन बाद जब स्कूल के प्रिंसिपल आए तब छात्रा को प्रिंसिपल के सामने पेश किया गया। प्रिंसिपल ने छात्रा से पूछताछ की तो छात्रा ने फोन होने से इनकार कर दिया। इसके बाद प्रिंसिपल ने अभिभावक को कॉल कर स्कूल बुलाया।
अभिभावकों के स्कूल आने से पहले ही छात्रा ने स्कूल परिसर में तीसरी मंजिल से छलांग लगी दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद लड़की के पिता ने पुलिस में स्कूल के प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया। केस दर्ज होने के बाद प्रिंसिपल और क्लास टीचर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रिंसिपल और शिक्षक के गिरफ्तारी के विरोध में पूरे उत्तर प्रदेश में प्राइवेट स्कूल को एक दिन के लिए बंद कर दिया गया। फिलहाल प्रिंसिपल और क्लास टीचर को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
