दिल्ली गैंगरेप केस के दोषियों को शुक्रवार को फांसी हुई। चारों दोषियों की ओर से लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने वाले उनके वकील एपी सिंह ने आखिर तक उन्हें बचाने की कोशिश की। यहां तक की फांसी दिए जाने से महज तीन घंटे पहले वे एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट तक गए, लेकिन जजों के फैसले के बाद दोषियों की सजा से बच निकलने की आखिरी कोशिश भी नाकाम हो गई। इससे पहले गुरुवार को उन्होंने चारों दोषियों के डेथ वॉरंट पर रोक लगाने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट से लेकर दिल्ली हाईकोर्ट तक के दरवाजे खटखटाए थे। एपी सिंह ने अपने मुवक्किलों को बचाने के लिए उनके देश सेवा वाले वादों का एफिडेविट देने के साथ देश में फैले कोरोनावायरस संक्रमण तक का हवाला दिया।

एपी सिंह की कोशिशों की बदौलत ही दिल्ली गैंगरेप केस में फैसला 7 साल, 3 महीने और 4 दिन तक टल गया। उन्होंने दोषियों को बचाने के लिए मानवाधिकार आयोग से लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) तक में याचिका दे दी थी।

खास बात यह है कि दोषियों का केस लड़ने वाले एपी सिंह इससे पहले तांत्रिक चंद्रस्वामी और यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे पूर्व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद का केस लड़ चुके हैं। एपी सिंह ने चिन्मयानंद का केस लड़ने के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट में कहा था कि चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की ने भी नेता का इस्तेमाल किया था। इसलिए इसमें बलात्कार जैसा कोई मसला नहीं। उनकी इसी दलील पर हाईकोर्ट ने पूर्व भाजपा नेता को जमानत दे दी थी।

पुरुषों के लिए मंत्रालय बनवाना चाहते हैं एपी सिंहः एपी सिंह पुरुषों की मदद के लिए अभियान चलाना चाहते हैं, ताकि पुरुष मंत्रालय या फिर कोई आयोग बने। वे कहते हैं कि हर दिन भारत में 50 से 175 पुरुष रोज आत्महत्या कर रहे हैं। इसकी एक वजह यह है कि वह अपने जीवन में किसी महिला से थक चुके होते हैं।

तांत्रिक चंद्रस्वामी का केस लड़कर बनाई पहचानः दिल्ली में 1972 में जन्में एपी सिंह पिछले 23 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई के बाद उन्होंने 1998 में लखनऊ बार में रजिस्टर किया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से क्रिमिनोलॉजी से डॉक्टरेट हासिल की। वकालत में उनकी एंट्री तांत्रिक चंद्रस्वामी के केस के जरिए हुई। 1997 में ट्रेनी वकील के तौर पर जॉइन करने के बाद वे चंद्रस्वामी के केसों की सुनवाई में शामिल होने लगे। तांत्रिक चंद्रस्वामी से उस दौरान कई विवाद जुड़े थे। कहा जाता था कि उन्होंने ब्रुनेई के सुल्तान, अभिनेत्री एलिजाबेथ टेलर, ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर और गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम को अलग-अलग मामलों में सलाह दी थीं।

एपी सिंह के मुताबिक, कोर्ट में चंद्रस्वामी के केस लड़ने के बाद उन्हें गिफ्ट में दो जोड़ी कोट-पैंट और वकील की पोशाक तांत्रिक चंद्रस्वामी ने ही गिफ्ट में दिए थे। इसके बाद वे चंद्रस्वामी के साथ विदेश यात्राओं पर भी जाने लगे। उन्होंने और भी कई हाई प्रोफाइल केस लड़े। इनमें 2014 का बरवाला कांड केस शामिल है, जिसमें जगतगुरु तदवदर्सी रामपाल जी महाराज का आश्रम जला दिया गया था और उनके छह अनुयायियों की मौत हुई थी। सिंह ने केस आश्रम की ओर से लड़ा था।


जूनियर्स के बीच सम्मानित वकील हैं एपी सिंहः हालांकि, यह दिल्ली गैंगरेप केस ही था, जिसने उन्हें लगातार लाइमलाइट में रखा। जिला अदालतों, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लगाकर अपने मुवक्किलों की सजा की तारीख बढ़ाने वाले एपी सिंह की कई जगह आलोचना भी हुई है। क्रिमिनल लॉयर मानते हैं कि इस तरह एपी सिंह ने सिस्टम का मजाक बनाया। हालांकि, उनके जूनियर उनसे प्रभावित हो कर कहते हैं- जब भी वे कोर्ट आते हैं, तो सारी निगाहें उन्हीं पर होती हैं। सब दोषियों का केस लड़ने के लिए उनका मजाक उड़ाते हैं, लेकिन उन्हें भी तो एक वकील चाहिए।