दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के लिए यह चुनाव करो या मरो का मुकाबला है। कुछ महीने पहले हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए थे और उस दौरान हरियाणा में भी अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार किया था। अरविंद केजरीवाल ने उस दौरान खुद को हरियाणा का लाल बताकर पेश किया था। अब बीजेपी दिल्ली विधानसभा चुनाव में हरियाणा के दिग्गज नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए उतारने वाली है।
हरियाणा के 16 नेताओं को बीजेपी ने प्रचार के लिए उतारा
भाजपा ने 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए हरियाणा के 16 वरिष्ठ नेताओं को तैनात किया है। इनमें मंत्री और पूर्व मंत्री शामिल हैं। दिल्ली में पंजाबी और ओबीसी मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी चुनाव प्रचार लिस्ट में हैं। भाजपा के एक नेता ने कहा कि खट्टर-सैनी की जोड़ी भाजपा के दिल्ली अभियान में बड़ी भूमिका निभाएगी। आप का ‘हरियाणा का लाल’ नारा, केजरीवाल के भिवानी जिले से होने पर केंद्रित था। हालांकि यह नारा विधानसभा चुनावों में नतीजे देने में विफल रहा क्योंकि पार्टी केवल 1.76% वोट हासिल करने में सफल रही और इसके 89 उम्मीदवारों में से ज्यादातर की जमानत जब्त हो गई।
दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए भाजपा ने अपने हरियाणा के नेताओं से सैनी सरकार की ‘उपलब्धियों’ पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा हरियाणा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन का जिक्र करने के लिए कहा है। भाजपा सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि खट्टर, सैनी, हरियाणा भाजपा प्रमुख मोहनलाल बडोली और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को दिल्ली चुनावों के लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कई भाजपा नेताओं को चुनाव प्रबंधन के लिए दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों को सौंपा गया है। केंद्रीय मंत्री और फरीदाबाद के सांसद कृष्ण पाल गुर्जर को दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी 10 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि हरियाणा के शिक्षा मंत्री और पानीपत ग्रामीण के विधायक महिपाल ढांडा को पश्चिमी दिल्ली का प्रभार दिया गया है। नरवाना विधायक कृष्ण बेदी, इसराना विधायक कृष्ण लाल पंवार और पूर्व सांसद ओपी यादव को क्रमश: त्रिलोकपुरी, कोंडली और बादली सीट दी गई है।
जानें किसे मिली कौन से सीट की जिम्मेदारी
दिल्ली की विभिन्न सीटों पर पार्टी के प्रचार के लिए शामिल किए गए अन्य भाजपा नेताओं में हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता (मॉडल टाउन), पूर्व मंत्री कमल गुप्ता (चांदनी चौक), बनवारी लाल (नई दिल्ली), मनीष ग्रोवर (ग्रेटर कैलाश), जे पी दलाल (बिजवासन) और कमलेश ढांडा (पालम) शामिल हैं। सिरसा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल और पूर्व विधायक बिशंबर सिंह और असीम गोयल को क्रमश: देवली, अंबेडकर नगर और करोल बाग सीट दी गई है। दिल्ली के मतदाताओं में पंजाबी, जाट, गुज्जर, ब्राह्मण और दलितों की महत्वपूर्ण उपस्थिति है। ऐसे में भी हरियाणा से नेताओं के भाजपा के चयन में जातियों ने भूमिका निभाई है। सीएम नायब सैनी ओबीसी सैनी समुदाय से हैं जबकि खट्टर और ग्रोवर पंजाबी हैं। कृष्ण पाल गुर्जर गुज्जर समुदाय से हैं, बडोली ब्राह्मण हैं जबकि असीम गोयल, कमल गुप्ता और ज्ञान चंद गुप्ता बनिया समुदाय से हैं। जे पी दलाल जाट हैं जबकि बिशम्बर सिंह वाल्मीकि (दलित) समुदाय से हैं।
हरियाणा भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “दिल्ली में मतदाता के रूप में पंजीकृत बड़ी संख्या में लोग गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, रोहतक और झज्जर में रहते हैं। हरियाणा में काम करने वाले लोग 2014 से राज्य में भाजपा के शासन मॉडल से अच्छी तरह वाकिफ हैं और उनके दिल्ली में दोस्त और रिश्तेदार हैं। हरियाणा के नतीजों का दिल्ली चुनावों पर असर पड़ेगा।”
भाजपा सूत्रों ने कहा कि हरियाणा के उसके नेताओं को अपने प्रचार के दौरान झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के अलावा शहरी और ग्रामीण इलाकों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है। उनमें से कुछ ने पहले ही अपना प्रचार शुरू कर दिया है और केजरीवाल पर हमला करना शुरू कर दिया है। हरियाणा के परिवहन और ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने बुधवार को दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल के आवास ‘शीश महल’ को AAP का कब्रिस्तान कहा है।
नायब सैनी ने पंजाब सरकार को बताया किसान विरोधी
नायब सैनी ने भी पिछले साल फरवरी से पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी और शंभू में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की चिंताओं का कथित रूप से समाधान नहीं करने के लिए पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। उन्होंने पंजाब सरकार को किसान विरोधी सरकार करार दिया है। पढ़ें क्या कांग्रेस को नहीं मिल रहे उम्मीदवार?