Delhi Election/Chunav Results 2020: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में करीब नौ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में 70 में से 65 सीटों पर बहुमत हासिल करने वाली भाजपा को विधानसभा चुनाव में करारा झटका लगा और पार्टी महज आठ सीटों पर सिमट गई। भाजपा को उम्मीद थी कि केंद्र द्वारा दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का उसे लाभ होगा, जिससे 40-50 लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं, और दिल्ली चुनाव जिताने में ये लोग काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
हालांकि तीन सप्ताह पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा जब चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरी तो पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने अनधिकृत कॉलोनियों को पक्का करने और केंद्र की योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत को जनता के बीच ले जाने के बजाय सीएए विरोध का मुख्य केंद्र बना शाहीन बाग को मुख्य मुद्दा बनाया, जहां महिलाएं पिछले दो महीने से प्रदर्शन कर रही हैं।
आंतरिक रूप से पार्टी को भी विश्वास था कि चुनाव प्रचार में उसने जो मुद्दा पकड़ा है, वो काम कर रहा है। भाजपा के खुद के सर्वे में बताया कि पार्टी का प्रचार अभियान भाजपा के पक्ष में बड़ा बदलाव लाने में खासी मदद करेगा। खास बात है कि मतदान से कुछ दिन पहले खुद अमित शाह ने कहा था कि भाजपा 45 सीटों का आंकड़ा पार करेगी।
बता दें कि दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। पिछले एक महीने में भाजपा ने दिल्ली के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में 6,577 मीटिंग कीं। इसमें अमित शाह ने खुद 52 रोड शो और पब्लिक मीटिंग कीं। करीब 30 बार ऐसे भाषण दिए, जिसमें उन्होंने मतदाताओं से ईवीएम का बटन इतनी जोर से दबाने को कहा कि करंट शाहीन बाग तक पहुंचे, ताकि प्रदर्शनकारी वहां से जाने को मजबूर हो जाएं।
कुछ इसी तरह के संदेशों के साथ भाजपा के अन्य नेताओं ने भी जनता को संबोधित किया। इसमें प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का नाम प्रमुखता से शामिल हैं। भाजपा सांसद ने एक चुनावी सभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आंतकवादी बताया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक रैली में लोगों को उकसाते हुए कहा, ‘देश के गद्दारों को…’ जिसके जवाब में जनता ने कहा, ‘गोली मारो सा… को’ यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने कहा कि केजरीवाल शाहीन बाग के प्रदर्शकारियों को बिरयानी खिला रहे थे।
हालांकि भाजपा नेताओं के ये तमाम बयान मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में नाकाम रहे। अब पार्टी नेताओं का खुद मानना है कि दिल्ली चुनाव नतीजे उनके लिए चौंकाने वाले रहे, क्योंकि पार्टी को उम्मीद थी कि 20-25 सीटें तो जरुर आएंगी।