Delhi Election 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान को लेकर अब बस कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। भाजपा जहां ‘शाहीन बाग’ मुद्दे को जोरशोर से उठा रही है, वहीं आम आदमी पार्टी ‘बिजली, पानी’ और ‘अच्छे होंगे पांच साल, दिल्ली में तो केजरीवाल’ के सहारे लोगों को लुभाने में जुटी है। भाजपा 21 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर आसीन होने की कोशिश में दिख रही है तो केजरीवाल के सामने सत्ता बचाए रखने की चुनौती है। इस बीच दिल्ली के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुसलमानों को टिकट नहीं दिए जाने पर कहा कि हमने कई बार टिकट दिया फिर भी वे पार्टी को जिताने में मदद नहीं करते।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार उनसे पूछा गया, ‘बीजेपी सबका साथ, सबका विकास की बात करती है। 1993 के बाद से यह पहली बार है जब दिल्ली चुनाव में पार्टी ने किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है। क्यों?’ इसके जवाब में मनोज तिवारी ने कहा, “यदि हम टिकट भी देते हैं तो वे (मुस्लिम उम्मीदवार) हमें जिताने में मदद नहीं करते हैं। केंद्र सरकार में मुस्लिम समुदाय से एक मंत्री हैं। हमें उन्हें (मुस्लिम नेताओं को) राज्यसभा और विधान परिषदों [राज्यों में] के माध्यम से लाना है। हमने कई बार उन्हें टिकट दिया है लेकिन वे हमें जीताने में मदद ही नहीं करते हैं।”

तिवारी ने महिला सशक्तिकरण और चुनाव में काफी कम संख्या में महिलाओं को टिकट देने के सवाल पर कहा, “हमने महिलाओं को टिकट दिया है। इस बार सीटें कुछ कम हो सकती हैं। हम महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का समर्थन करते हैं लेकिन यह अभी होना बाकी है। उम्मीदवारों के चयन के समय हम जीत की संभावना को भी देखते हैं। हम अगली बार से इस बात को ध्यान में रखेंगे।”

‘शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों के साथ केंद्र सरकार वार्ता क्यों नहीं कर रही है?’ के सवाल पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “यह केंद्र सरकार की विफलता नहीं है। यह दिखाता है कि केंद्र की सरकार नागरिकों के लिए चिंतित है। प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे पहली पंक्ति में बैठे हैं, अन्यथा यह दो घंटे में साफ हो जाता। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। लोग 50 दिनों से सड़क जाम कर बैठे हैं लेकिन केजरीवाल ने वहां जाने की जहमत नहीं उठाई। क्या उन्हें वहां के लोगों से अपील नहीं करनी चाहिए थी? लेकिन वह कहते हैं कि वे शाहीन बाग के साथ हैं। इसका मतलब ये है कि वे दिल्ली को शाहीन बाग बनाना चाहते हैं।”